00 विश्व आदिवासी दिवस पर भाजपा ने किया आदिवासियों का अपमान
रायपुर। विश्व आदिवासी दिवस पर आरएसएस के खुले विरोध की वजह से भाजपा सरकार दबाव में आकर आदिवासियों का अपमान किया। रायपुर में दो कार्यक्रम थे और दोनों ही कार्यक्रमों की घोषणा के बाद सरकार के प्रतिनिधि वहां नहीं गए, एक रायपुर के इंडोर स्टेडियम में था जिसमें आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को शामिल होना था पर ऐन वक्त पर उन्होंने तय किया कि वे इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे। दूसरा कार्यक्रम महंत घासीदास संग्रहालय की कला वीथिका में आदिवासियों पर आयोजित एक प्रदर्शनी थी, जिसका उद्घाटन भाजपा सरकार के वरिष्ठ आदिवासी मंत्री रामविचार नेताम को करना था यह प्रदर्शनी अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिया गया। पिछले पांच वर्षों में कांग्रेस की सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस को एक उत्सव का रूप दिया आौर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की थी। उक्त बातें पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहीं।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार नागपुर से चलती है, क्रोनोलॉजी समझिए, छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से हर साल विश्व आदिवासी दिन विज्ञापन जारी किए जाते थे, मुख्यमंत्री की ओर से आदिवासी समाज को अग्रिम शुभकामनाएं दी जाती थीं, न तो सरकार ने कोई विज्ञापन जारी किया और न मीडिया को मुख्यमंत्री की ओर से कोई शुभकामना जारी की गई। जैसा कि हमने बताया विश्व आदिवासी दिवस के दिन जो दो कार्यक्रम थे उसे रद्द कर दिया गया, बस मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी ने एक ट्वीट करके विश्व आदिवासी दिवस मना लिया। ज़ाहिर है कि आरएसएस के दबाव में भाजपा की सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस का इस तरह से बहिष्कार किया, इस दबाव से दो बातें ज़ाहिर हुई हैं एक तो यह कि भाजपा की सरकार आरएसएस के इशारे पर चल रही कठपुतली सरकार है. यानी यह सरकार रायपुर से नहीं नागपुर से चलती है। दूसरा यह साबित हुआ कि आरएसएस आदिवासियों की संस्कृति और परंपराओं का सम्मान नहीं करती, वह आदिवासियों को अलग अलग मुद्दों पर बरगलाती है और भाजपा को वोट दिलवाने का षडयंत्र करती है।
छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार नागपुर से चलती है – बैज
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