पहली बरसात में धरासाई हुई करोड़ो की लागत से निर्मित सड़क ,
गौरेला – पेण्ड्रा – मरवाही : – लगभग एक माह पहले बनी करोड़ो की सड़क सावन की पहली बौछार भी नही झेल पाई और सड़कों पर लगी डामर की उखड़ती थेकडी अब प्रशासन को मुंहबाए चिढ़ाने लगी है .
दरअसल मामला पेण्ड्रारोड से 16 मिल होते हुए अमरकंटक मार्ग का है जिसका निर्माण कार्य लगभग 5 करोड़ की लागत से पीएमजीएसवाई विभाग द्वारा कराया जा रहा है उक्त सड़क के निर्माण हुआ अभी एक माह ही बीता की सड़कें उखड़ने लगी है मगर जिम्मेदार अधिकारी अपनी कुम्भकर्णी नींद में सोए हुए है केंद्र सरकार द्वारा सड़को के निर्माण के लिए करोड़ो की राशि खर्च की तो जा रही है मगर इससे सिर्फ अधिकारी और ठेकेदार ही अपनी जेब भरने में मस्त है तब तो करोड़ो के हो रहे सड़क निर्माण में इतनी बड़ी लापरवाही सामने आई है . वही मौके पर न तो कोई साइड इंजीनियर होता है न ही विभाग का कोई अधिकारी या कर्मचारी , अधिकारी अपने ऑफिस में ही बैठकर ठेकेदारों को खुली छूट देकर रखे है तब तो ठेकेदारों के हौसले इतने बुलंद है .
अमरकंटक की मैकल पर्वत श्रृंखला की तराई में बसे गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सूबे के मुखिया लगातार इस ओर पहल करते नजर आते है मगर प्रशासनिक अमले के लोग अपनी जेबे भरने में लगे हुए है इन्हें पर्यटन या जिले से किसी भी प्रकार का कोई सरोकार नही है . यह वही मार्ग है जहाँ से 16 मिल होते हुए माई का मड़वा , दुर्गा धारा , धरमपानी चेतना केंद्र विश्राम गृह आता है जहाँ बीते दिनों मुख्यमंत्री अपने दौरे में यही विश्राम किये उसके सामने से गुजरने वाली सड़क का यह हाल है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासन के हौसले कितने बुलंद है .
वही मुख्यमंत्री के दौरे के समय करोड़ो की निर्मित सड़क पर सीमेंट की थेकडी लगाई गई थी ताकि मुख्यमंत्री प्रशासनिक अमले की हकीकत न देख ले .
वही उक्त गंभीर मामले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यपालन अभियंता एमडी यादव ने कहा कि कार्य में अनियमितता की जांच कराई जाएगी . अनियमितता पाए जाने पर ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही किया जाएगा .
देखने वाली बात यह होगी कि इस तरह करोड़ो के निर्माण कार्य मे बरती गई अनियमितता पर क्या कार्यवाही की जाती है क्या पुनः सड़क को उखाड़कर निर्माण किया जाएगा चूंकि उक्त सड़क निर्माण पर 15 साल पूर्व में भी ठेकेदार के ऊपर घटिया रोड निर्माण को लेकर तत्कालीन कलेक्टर सोनमणि वोरा ने भी कार्यवाही करते हुए पूरी रोड ही उखड़वा कर पुनः नई रोड बनाने का आदेश दिया था