पूर्ववर्ती सरकार में सबसे पॉवरफुल IPS आरिफ शेख़ के काले कारनामो की खुलने लगी परते , सेवानिवृत्त निरीक्षक मंगेश देशपांडे को नियमविरुद्ध संविदा नियुक्ति का दिया आदेश ,गृहमंत्री ने दिया जांच कर कार्रवाही का निर्देश ,

पूर्ववर्ती सरकार में सबसे पॉवरफुल IPS आरिफ शेख़ के काले कारनामो की खुलने लगी परते , सेवानिवृत्त निरीक्षक मंगेश देशपांडे को नियमविरुद्ध संविदा नियुक्ति का दिया आदेश ,गृहमंत्री ने दिया जांच कर कार्रवाही का निर्देश ,
रायपुर : – पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में सबसे पॉवरफुल और सुपर सीएम सौम्या चौरसिया (वर्तमान में जेल में निरुद्ध) के सबसे करीबी अफसर शेख साहब के काले कारनामो की लंबी फेहरिश्त है जिसकी परते दिन पर दिन खुलती जा रही है कैसे इस आईपीएस अधिकारी ने कानून और नियमो को ताक में रखते हुए राज्य को लूटने का स्वप्न सजाया और आईपीएस जैसे पद को कलंकित किया है . डीआईजी ACB/EOW के पद पर रहते हुए शेख साहब ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को भ्रष्टाचार संरक्षण ब्यूरो की तरह लूटने का कार्य किया है जिसकी बानगी है कि कैसे शेख साहब ने सेवानिवृत्त हो चुके निरीक्षक मंगेश देशपांडे की नियमविरुद्ध संविदा नियुक्ति दी गई . जबकिं इस निरीक्षक की सेवा पुस्तिका में इनके द्वारा किये गए असवैधानिक कुकृत्यों का स्पष्ट का उल्लेख है .
कौन है मंगेश देशपांडे
मंगेश देशपांडे जो 31 मार्च 2022 को सेवानिवृत्त हो चुके थे . सेवानिवृत्त होने के ठीक दो महीने पहले दिनांक 20.1.2022 को इस निरीक्षक को संविदा नियुक्ति देने के लिए आईपीएस आरिफ शेख ने सामान्य प्रशासन विभाग से सिफारिश की थी . शेख साहब ने सामान्य प्रशासन विभाग पर अपना और सुपर सीएम रही सौम्या चौरसिया के प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए मंगेश देशपांडे की सेवानिवृत्त होने के ठीक दो दिन पहले दिनांक 29.3.2022 को नियम कायदों को ठेंगा दिखाते हुए इस दागी निरीक्षक का आदेश जारी करवा लिया .
बताते चले यह वही मंगेश देशपांडे है जिनका 1986 में भर्ती के बाद से लेकर सेवानिवृत्त होने तक पूरा सेवाकाल विवादों से भरा रहा जिसकी गवाही उनकी सेवा पुस्तिका चीख चीख कर बताती है ऐसे विवादित अधिकारी के लिए एक आईपीएस ने पूरी ताकत लगाकर सेवानिवृत्त होने के बाद संविदा दिलवाई जिसका कारण स्पष्ट है कि इस निरीक्षक की आड़ में शेख साहब पूरा खेल खेलना चाहते थे .
मंगेश देशपांडे की सेवापुस्तिका और विवादित कारनामे : –
अपने सेवाकाल में सबसे भ्रष्ट और विवादास्पद रहे निरीक्षक मंगेश देशपांडे जिनके अनेकों काले कारनामे है अपनी पदस्थापना के तीन साल बाद दिनांक 17.9.1989 पहला आरोप लगा जिसमे मंगेश देशपांडे द्वारा रायपुर पदस्थापना के दौरान निष्पक्ष कार्रवाही असवैधानिक कृत्य के लिए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के द्वारा इनके वेतन वृद्धि रोकी गई थी . ऐसे ही कई बार असवैधानिक कृत्यों के लिए अलग – अलग तरीके से इन्हें दंडित किया जाता रहा है . इन्हें जहाँ जहाँ पदस्थ किया गया वहां वहाँ इस निरीक्षक ने अपने भ्रष्ट और घटिया कारनामो को अंजाम दिया फिर चाहे इनकी पोस्टिंग सीबीआई में रही हो किसी थाने में यह हर जगह विवादित रहे है . इनके कारनामो की फेहरिश्त में कुछ मामले न्यायालय में भी विचाराधीन है . उक्त सेवानिवृत्त अधिकारी द्वारा पुलिस थाने में पदस्थ रहते हुए कई मामलो में अपराधियों से वसूली कर न्यायालय में चालान न पेश करना , गिरफ्तारी वारंट को तामीली न करना नारकोटिक्स एक्ट , जुआ , सट्टा और अपराधियों को संरक्षण देने का काम इस अधिकारी द्वारा किया जाता था . जिसको लेकर कई बार इनपर कार्रवाही और दंड भी दिया गया मगर यह निरीक्षक कभी अपनी हरकतों से बाज नही आया .
ऐसे भ्रष्ट और विवादित अधिकारी की नियमविरुद्ध नियुक्ति
छत्तीसग़ढ शासन सिविल सेवा संविदा नियुक्ति के नियम 2012 संशोधित 10.7.2019 के नियम 8 , 9 , जिसमे सेवानिवृत्त शासकीय सेवको की संविदा नियुक्ति की कई अहर्ताएं आलेखित है जिसमे सेवानिवृत्त निरीक्षक मंगेश देशपांडे उक्त मापदंड और अहर्ताओं की पूर्ति नही करते इसके साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग के पंजी क्रमांक 47/2022 /1-7 के पृष्ठ क्रमांक 07 में संयुक्त सचिव द्वारा टीप अंकित किया है कि सेवानिवृत्त निरीक्षक मंगेश देशपांडे का मूल विभाग गृह (पुलिस ) विभाग है जिनके मूल विभाग से संविदा सम्बंध में प्रस्ताव नही आया है इस संबंध में पुलिस मुख्यालय रायपुर से छत्तीसगढ़ शासन को न ही प्रस्ताव प्रेषित किया न ही अभिमत प्राप्त किया गया . सेवानिवृत्त एवं संविदा निरीक्षक मंगेश देशपांडे का पूरा रिकार्ड भ्रष्टाचार और विवादित कारनामो में लिप्त पाया गया . जिसके कारण इन्हें पद्दोन्नति से वंचित रखा गया जबकि इनके साथ के सभी निरीक्षक उपपुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ हो चुके है नियमतः कोई भी संविदा नियुक्ति अधिकारी/कर्मचारी किसी अपराध की विवेचना नही कर सकता है फिर भी मंगेश देशपांडे की को संविदा नियुक्ति दी गई जो कि पूरी तरह नियम विरुद्ध है .
गृहमंत्री ने दिया कार्रवाही का आदेश
इस पूरे मामले की शिकायत अधिवक्ता विजय मिश्रा ने गृहमंत्री (उपमुख्यमंत्री) विजय शर्मा और मुख्य सचिव को लिखित शिकायत की थी मामले की गंभीरता को देखते हुए गृहमंत्री विजय शर्मा ने मामले में पत्र के साथ जाँच कर कार्रवाही किये जाने का आदेश दिया है अब देखना यह है कि ऐसे भ्रष्ट और विवादित अधिकारी की नियमविरुद्ध संविदा नियुक्ति और इनके विवादित कार्यकाल पर विभाग क्या कार्रवाही करता है .