सूबे में DGP के लिए बढ़ी सरगर्मियां , कैट के आदेश के बाद जीपी सिंह के नाम पर लग सकती है मुहर , पीएचक्यू में खलबली , बेहतर पुलिसिंग और नवाचार के लिए जाने जाते है जीपी सिंह : –

जानिए जीपी सिंह का जीवन परिचय
सूबे में DGP के लिए बढ़ी सरगर्मियां , कैट के आदेश के बाद जीपी सिंह के नाम पर लग सकती है मुहर , पीएचक्यू में खलबली , बेहतर पुलिसिंग और नवाचार के लिए जाने जाते है जीपी सिंह : –
जानिए जीपी सिंह जीवन परिचय : –

रायपुर : – कैट के आदेश आते ही 1994 बैच के आईपीएस जीपी सिंह DGP की दौड़ में सबसे अग्रणी रूप में शामिल हो गए है . बताते चले कि वर्तमान डीजीपी अशोक जुनेजा आठ अगस्त यानि तीन महीने में रिटायर हो जाएंगे लेकिन कैट के आदेश के बाद यह चर्चाएं जोरो पर है साथ ही पीएचक्यू में खलबली मच गई है .
जुनेजा के बाद 1992 बैच में पवनदेव और अरुणदेव गौतम हैं . चुनाव के पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि इनमें से ही कोई अगला DGP होगा . इसके बाद 93 बैच में कोई अफसर नही है 94 बैच में सबसे पहला नाम जो आता है वह जीपी सिंह का है . हालांकि 94 बैच में भी दो नाम है हिमांशु गुप्ता , एसआरपी कल्लूरी मगर इन दो नामो के बीच जीपी सिंह की इंट्री हो गई है अब यह लगभग तय माना जा रहा है कि अगले DGP की कमान जीपी सिंह संभालेंगे .
मूलतः उड़ीसा के रहने वाले जीपी सिंह 1994 बैच के आईपीएस है जो मेकेनिकल ब्रांच से बीई के बाद आईपीएस बने . पहले श्री सिंह मध्यप्रदेश कैडर के आईपीएस थे प्रथक छत्तीसगढ़ गठन उपरांत उन्होंने छत्तीसगढ़ कैडर चुना
जीपी सिंह का पूरा नाम गुरजिंदर पाल सिंह है . इनका जन्म 1 जनवरी 1969 को हुआ है . उन्होंने बीई मैकेनिकल की डिग्री लेने के बाद यूपीएससी क्रैक किया .
गुरजिंदर पाल सिंह ने 4 सितंबर 1994 को आईपीएस की सेवा ज्वाइन की . पहले वे मध्यप्रदेश कैडर के आईपीएस थे . वे प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर ग्वालियर में तैनात रहें . साथ ही इंदौर के एडिशनल एसपी भी रहें . पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद जीपी सिंह ने छत्तीसगढ़ कैडर चुना
छत्तीसगढ़ में इन्होंने महासमुंद व नक्सल प्रभावित जिला दंतेवाड़ा एसपी रहते हुए अपनी सेवाएं दे चुके है दंतेवाड़ा पदस्थ अवधि में जीपी सिंह द्वारा चलाये गए नक्सल विरोधी अभियानों को काफी सफलता मिली थी इस अभियान के जरिये जीपी सिंह ने कई नक्सलियों को सरेंडर भी करवाया .
इसके साथ ही जीपी सिंह बिलासपुर , रायपुर व दुर्ग के आईजी भी रह चुके है एडीजी दूरसंचार व तकनीकी सेवाएं व परिवहन के साथ साथ छत्तीसगढ़ के एसीबी ( एंटी करप्शन ब्यूरो) के चीफ पद पर सेवाएं दे चुके है .
जीपी सिंह का सर्विस रिकार्ड काफी सराहनीय रहा है पूरे सर्विस काल मे जीपी सिंह को हमेशा उनके उत्कृष्ट कार्यो के लिए सराहा गया है जिसके लिए उन्हें समय समय पर गैलेंट्री मैडल , राज्यपाल द्वारा पुरुस्कृत भी किया जाता रहा है . बेहतर पुलिसिंग और नवाचार के लिए भी श्री सिंह जाने जाते है नवाचार के साथ-साथ आमजनता से सीधा जुड़ाव उनसे सहजता से मिलना और जनता की संवेदनाओं और उनकी समस्याओं को सुनना और उसके निराकरण के लिए तत्पर रहने वाले अफसर है .
प्रदेश में विष्णु देव साय की सुशासन वाली सरकार चल रही है इस सुशासन को बेहतर बनाने के लिए पहले पुलिस प्रशासन में बदलाव जरूरी है जिसको लेकर आमजन में भी चर्चाओ का विषय है चूंकि जीपी सिंह की कार्यशैली , नवाचार , बेहतर पुलिसिंग को लोगों ने करीब से देखा जाना है इसलिए यह बात लोग खुली जबान से कह रहे है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था और लॉयन ऑर्डर को बेहतर बनाने के लिए जीपी सिंह जैसे काबिल अफसरो की जरूरत है . जिनके DGP बनने से पुलिस प्रशासन में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा .