नई परिपाटी की शुरुआत , जनप्रतिनिधियों , पत्रकारों जिलेवासियों को दरकिनार कर आखिर किसको उपकृत करने में लगा है जिला प्रशासन ,
गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही : – जिले में इन दिनों नई परिपाटी की शुरुआत की गई है जिसमे शासकीय राशि का जमकर दुरूपयोग किया जा रहा है . आपको बता दे कि पिछले दिनों छत्तीसगढ़ पर्यटन क्षेत्र कबीर रिसोर्ट में गांधी जागरूकता का दो दिवसीय आयोजन जिला प्रशासन गौरेला पेण्ड्रा मरवाही द्वारा आयोजित किया गया था मगर विडंबना देखिये उक्त कार्यक्रम की जानकारी न तो मरवाही विधायक को दी गई न ही क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को इसकी जानकारी थी वही जिले में स्थानीय पत्रकारों को भी सूचना फेसबुक के माध्यम से मिली तब सवाल यह खड़ा होता है कि जिला प्रशासन द्वारा इतना बड़ा आयोजन गोपनीय तरीके से क्यों कराया गया जबकि जिले वासियो को अगर इसकी जानकारी दी गई होती तो निश्चित ही जिलेवासी उक्त कार्यक्रम में समल्लित होते और उन्हें भी गांधी जी के विषय मे जानकारी मिल पाती . यह पर्यावरण जागरूकता में देश प्रदेश से छात्रों को बुलाये जाने की जानकारी है मगर उक्त कार्यक्रम में जिले के न तो छात्र नजर आए न ही जनप्रतिनिधियों को इसकी जानकारी है .
जाहिर है इस तरह का कार्यक्रम आयोजित कराये जाने के पीछे कही न कही शासन के राशि का बंदरबांट के लिए कराया गया है वही जानकारी यह भी है कि उक्त कार्यक्रम के लिए DMF खनिज न्यास निधि राशि ख़र्च की गई है ऐसे में सवाल यह खड़े होता है कि क्षेत्रीय लोगो को दरकिनार करते हुए आखिर किसको उपकृत करने का प्रयास किया जा रहा है .
वही जब उक्त कार्यक्रम के बारे में मरवाही विधायक केके ध्रुव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस कार्यक्रम की कोई जानकारी नही है इसके साथ नगर पंचायत अध्यक्ष , जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष समेत भाजपा जिला अध्यक्ष को भी इसकी कोई जानकारी न होने की बात कही गई ऐसे में यह बात साफ परिलाक्षित होती है कि उक्त कार्यक्रम शासकीय राशि का दुरुपयोग करने हेतू गोपनीय तरीके से कार्यक्रम आयोजित कराया गया वही भाजपा जिला महामंत्री ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किसी भी कार्य्रकम में विपक्ष के जिलाध्यक्ष समेत किसी भी जनप्रतिनिधियों को नही बुलाया जाता न ही उन्हें सूचना दी जाती है .
जबकिं होना यह चाहिए कि ऐसे कार्यक्रमो का प्रचार प्रसार होना चाहिए साथ ही क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों समेत पत्रकारों को सूचित किया जाता तो इस आदिवासी अंचल क्षेत्र के लोग भी उक्त कार्यक्रमो में हिस्सा ले पाते .