जगदलपुर। परिवहन विवाद पर बस्तर परिवहन संघ और जय झाड़ेश्वर परिवहन सहकारी समिति ने मिलकर नगरनार स्टील प्लांट के गेट नंबर 1, 2 को बंद कर दिया है. पूरे दिन प्लांट से माल का परिवहन ठप रहने से एनएमडीसी को करोड़ों रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है। बस्तर परिवहन संघ और जय झाड़ेश्वर परिवहन सहकारी समिति के विरोध प्रदर्शन का मुख्य कारण परिवहन कार्य में स्थानीय लोगों की उपेक्षा और परिवहन भाड़े में लगातार गिरावट बताया गया है, वहीं नगरनार स्टील प्लांट के प्रवक्ता रफीक अहमद ने इस विरोध को अवैध और प्लांट की सुरक्षा के लिए खतरनाक बताते हुए कहा कि गेट नंबर 1, 2 का बंद होना आवश्यक कच्चे माल की आपूर्ति में बाधा आई है, इसके साथ सुरक्षा संबंधी गंभीर जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं। इसके साथ ही प्लांट महाप्रबंधक ने घटनाक्रम की जानकारी जिला प्रशासन और पुलिस को दे दी है, इसके साथ ही किसी अप्रिय घटना के लिए प्रदर्शनकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होने कहा कि उनकी मांगे एनएसएल के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं और इसलिए एनएसएल उन मांगों को पूरा करने की स्थिति में नहीं है। यह बात आंदोलनकारियों को बता दी गई है। यही बात जिला प्रशासन और उनके नेताओं के माध्यम से भी उन्हें बताई गई है, इसके बावजूद विरोध प्रदर्शन किय जा रहा है।
दरअसल प्रदर्शन कारियों ने एनएमडीसी प्रबंधन से अपनी मांग रखते हुए, 20 सितंबर को सुबह से बस्तर परिवहन संघ और जय झाडेश्वर समिति के सदस्य संयंत्र में माल परिवहन का काम बस्तर के ही परिवहन व्यवसायियों को देने और प्लांट में स्थानीय बेरोजगारों को नौकरी देने की मांग को लेकर डटे हुए हैं। ये लोग प्लांट के गेट नंबर 1और 2 को जाम किए बैठे हैं। इससे पहले भी जय झाड़ेश्वर समिति और परिवहन संघ के पदाधिकारी सदस्य कई बार प्लांट से कुछ दूर पंडाल लगाकर कई कई दिनों तक प्रदर्शन कर चुके हैं। तब एक भी बार प्रबंधन की ओर से कोई पूछने तक नहीं पहुंचा। वहीं आज जब इन लोगों ने कड़े तेवर दिखाते हुए प्लांट का माल परिवहन ठप कर दिया, तो प्रबंधन सामने आया है, और एनएमडीसी के पीआरओ ने कहा है कि वाहनों पर लगाया गया यह प्रतिबंध न केवल गलत है, बल्कि अवैध भी है। इससे सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, क्योंकि एकीकृत स्टील प्लांट एक अत्यधिक खतरनाक कारखाना होता है। गेट नंबर 1 यानि मटेरियल गेट वह गेट है, जिसके माध्यम से आवश्यक कच्चा माल स्टील प्लांट में आता है और गेट 2 तैयार माल बाहर भेजा जाता है। इस गेट को बंद करने से कई नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। एकीकृत स्टील प्लांट में महत्वपूर्ण कच्चे माल की समय पर डिलीवरी न होना भी सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक हो सकता है।
परिवहन ठप होने से नगरनार स्टील प्लांट को करोड़ों का नुकसान, प्रबंधन ने कहा उनकी मांगे एनएसएल के अधिकार क्षेत्र से बाहर
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