ऑपरेशन से नहीं लौटे हैं जवान, नक्सलियों के जनपितुरी सप्ताह में बढ़ सकता है आंकड़ा

बीजापुर। जिले के इंद्रवती नेशनल पार्क के 2799 वर्ग किमी में फैले एक मात्र बचे सुरक्षित इलाका अब नक्सलियों के लिए मुठभेड जोन बन चुका है। सुरक्षा बलों के जवान इंद्रवती नेशनल पार्क के एक बड़े हिस्से को घेरा हुआ है और जवान लगातार सर्चिग करते हुए नक्सलियों को ढेर कर रहे हैं। इंद्रावती टाइगर नेशनल पार्क में सुरक्षाबलों ने बड़े नक्सलियों को घेरा हुआ है, सुरक्षाबल के जवान पिछले चार दिनों से यहां नक्सल विरोधी अभियन जारी रखे हुए हैं।
जवानों ने यहां सुधाकर सहित कई बड़े नक्सलियों को ढेर कर दिया है, इसके अलावा हिड़मा, पापा राव जैसे बड़े कैडर के नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने घेर रखा है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि आने वाले दिनों में नक्सलियों के मारे जाने का आंकड़ा बढ़ सकता है। जंगल के सूत्रों के अनुसार नक्सली प्रति वर्ष 5 से 11 जून तक जनपितुरी सप्ताह मनाते हैं। नक्सली इस वर्ष जनपितुरी सप्ताह का आयोजन इंद्रावती टाइगर रिजर्व नेशनल पार्क के एरिया के अलग-अलग गांवों में होना था। जिसे लेकर यहां बड़े कैडर के नक्सलियों का जमावड़ा नेशनल पार्क के जंगल में था, जिसकी सटीक सूचना पर सुरक्षाबलों ने नक्सलियों को इस इलाके में घेर लिया, और 5 जून को नक्सलियों के जनपितुरी सप्ताह के पहले दिन एक करोड़ का इनामी सुधाकर मारा गया। इस वर्ष 5 जून से 11 जून तक मनाये जाने वाले नक्सलियों के जनपितुरी सप्ताह मेें कितने नक्सलियों का खात्मा होता है, यह आने वाले दिनों ज्ञात होगा ।
नक्सली मारे गए अपने साथियों की याद में 5 से 11 जून तक मनाते हैं, जनपितुरी सप्ताह
नक्सली प्रति वर्ष 5 जून से 11 जून तक जनपितुरी सप्ताह मनाते हैं, इस दौरान नक्सलियों द्वार पूरे सप्ताह अलग-अलग इलाकों और गांवों में अपने मारे गए नक्सली साथियों की याद में श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित करते हैं। इन सभाओं में वे अपने कैडर को वीर पुरूष बताते हुए जनता के लिए अपनी जान का बलिदान देने वाला बताते हैं । इस सप्ताह के दौरान नक्सली अपने कोर इलाकों में बैठक करके नई रणनीतियां बनाते हैं। इसके साथ ही संगठन को मजबूत और विस्तार करने की भी तैयारी की जाती है। नक्सली जनपितुरी सप्ताह के दौरान छोटी बड़ी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में भी रहते हैं। इस दौरान रेल, सड़क, बिजली के खंभे, साप्ताहिक बाजार जैसे जगह नक्सलियों के निशाने पर रहते हैं। इसके अलावा बताने की कोशिश करते हैं कि उनके प्रभाव वाले इलाके में जनता उनके साथ है। वर्ष 2006 से अब तक नक्सली जन पितुरी सप्ताह मना रहे हैं। इस दौरान प्रति वर्ष नक्सलियों के दहशत से यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया जाता था, वहीं नक्सली बड़ी संख्या में बैनर-पोस्टर लगाकर इसका एलान कर बस्तर के जंगल में हजारो की संख्या में ग्रामीणों को एकत्र कर खुलेआम बड़े-बड़े नक्सल स्मारक बनाकर नाच-गाने के साथ जनपितुरी सप्ताह मनाते हुए शक्ति प्रर्दशन करते रहे हैं। लेकिन इस वर्ष नक्सली संगठन जनपितुरी सप्ताह मनाने की स्थित में नही है, और अपनी जान बचानें में लगे हुए हैं।
बस्तर आईजी सुदरराज पी. ने बताया कि नक्सली समय-समय पर कई तरह के सप्ताह मनाते हैं, नक्सली इसके जरिए इलाके में आतंक का माहौल बनाने का प्रयास करते हैं। लेकिन अब बस्तर में नक्सली मोर्चे पर तैनात सुरक्षाबल के जवान नक्लवाद के खात्में के लिए तय लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं । बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने भरोसा दिलाया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सली मुक्त करने का जो लक्ष्य सुरक्षाबलों को दिया है, उसके पहले ही बस्तर के सभी जिलों से नक्सलवाद को खत्म कर दिया जाएगा।