पहली बार किसी नक्सली के शव का अंतिम संस्कार नगर निगम ने किया

जगदलपुर। थुलथुली मुठभेड़ में 4 अक्टूबर को मारी गई एक महिला नक्सली सोमे के शव को परिजनों ने ले जाने से इंकार कर दिया है, परिजनों के इंकार के बाद महिला नक्सली के शव का अंतिम संस्कार नगर निगम को सौंप दिया । बस्तर जिले में यह पहला मौका है जब किसी नक्सली के शव का अंतिम संस्कार नगर निगम के द्वारा किया गया हो, विदित हो कि बस्तर संभाग का बस्तर जिला आंशिक रूप से नक्सल प्रभावित रहा है, जिसके कारण बस्तर जिला मुख्यालय तक नक्सलियों के शव नही पंहुचते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार थुलथुली मुठभेड़ में सोमे पति दुगे उम्र 36 वर्ष भी मारी गई थी। सोमे मूलत: कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा की रहने वाली थी। मुठभेड़ के बाद उसके शव को दंतेवाड़ा लाया गया था, इसके बाद शव को सुरक्षित रखने के लिए शव को जगदलपुर मेकॉज के मरच्यूरी में भेजा गया था। सोमे के शव को उनके परिजन ने ले जाने से इंकार कर दिया ।जिसके बाद महिला नक्सली के शव के अंतिम संस्कार के लिए नगर निगम को सौंप गया, जिसके बाद नगर निगम के कर्मचारियों ने महिला नक्सली के शव का आज अंतिम संस्कार कर दिया।
उल्लेखनिय है कि थुलथुली मुठभेड़ के बाद पुलिस ने सभी मारे गए नक्सलियों के शव को पोस्टमार्टम के लिए बीजापुर, दंतेवाड़ा और जगदलपुर भेज दिया गया था, जिसमें से अधिकतर नक्सलियों के परिजन शव आकर ले गए। वहीं मारे गये 7 नक्सलियों के शव जगदलपुर मेकॉज भेजा गया था, इसमें से 6 नक्सलियों के शव ले जाने के लिए परिजन जगदलपुर पंहुचकर अपने साथ ले गये, लेकिन एक महिला नक्सली सोमे पति दुगे उम्र 36 वर्ष निवासी कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा का शव परिजनों ने ले जाने से इंकार कर दिया।