सिंचाई विभाग के बाद बिजली विभाग को मुंगेली शिफ्ट किये जाने का हो रहा विरोध , उन्नति होना दूर अवनति की ओर बढ़ रहा जिला ,
सिंचाई विभाग के बाद बिजली विभाग को मुंगेली शिफ्ट किये जाने का हो रहा विरोध , उन्नति होना दूर अवनति की ओर बढ़ रहा जिला ,
गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही : – जिले गठन को लगभग ढाई बरस बीत जाने के बाद भी जिले की जो परिकल्पना क्षेत्रवासियो ने देखी थी वह साकार होती नजर नही आती कमोवेश हालात यह है जिला जिसे विकास की नई उन्नति की ओर अग्रसर होना चाहिए वह अवनति की ओर आगे बढ़ रहा है जिसका आरोप क्षेत्रवासी लगा रहे है .
जल संसाधन विभाग बोधघाट नहर संभाग बीजापुर में पुनर्वियोजन ,
पहले भी छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग द्वारा 31 मार्च 2022 जिसमें कार्यपालन अभियंता मरवाही जल संसाधन विभाग को कार्यपालन अभियंता बोधघाट नहर संभाग बीजापुर में पुनर्वियोजन करने का आदेश जारी कर दिया गया है .
इस आदेश का बड़े पैमाने पर सभी राजनैतिक दल और सामजिक कार्यकर्ता द्वारा विरोध किया जा चुका है चूंकि इस आदेश से कार्यालय को अन्यत्र ले जाने से सिचाई परियोजनाओं में रुकावटें आ सकती है
जबकि गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही सम्पूर्ण आदिवासी जिला है यहां के लोगों की आय का मुख्य स्रोत कृषि है मरवाही जल संसाधन विभाग से विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं से लगभग 18000 हजार से ज्यादा किसान सीधे तौर पर लाभन्वित हो रहे है इस आदेश से किसानों को आगामी समय मे सिंचाई,कृषि और नई परियोजनाओं में कही न कही रूकावटे हो सकती है
वही वर्तमान में मरवाही जलसंसाधन विभाग में निम्न सिचाई परियोजना निर्माणधीन है सूक्ष्म सिचाई परियोजना परासी ₹ 7 करोड़ , राजाडीह जलाशय ₹12करोड़ 22 लाख , तिलोरा एनीकट ₹3 करोड़ 26 लाख , मढ़ाकोट 7 करोड़ , कछार टोला 5 करोड़ आदि छोटी बड़ी 59 परियोजना इस मरवाही जलसंसाधन विभाग में संपादित हो रही है ऐसे में इस विभाग को अन्यत्र स्थापित किये जाने से किसानों और कृषि हेतु सिंचाई योजनाओं पर असर पड़ेगा
सिंचाई विभाग के बाद अब बिजली विभाग के कार्यालय को मुंगेली शिफ्ट किये जाने का विरोध
सिंचाई विभाग के कार्यालय के बाद अब बिजली विभाग के कार्यालय को जिले से हटा कर मुंगेली में शिफ्ट किये जाने का विरोध शुरू हो गया है और विधायक सहित जिले के कांग्रेसी नेताओं ने भी इस पर ऐतराज जतलाते हुये कार्यालय जिले से बाहर नहीं जाने के लिये प्रयास तेज कर दिये हैं वहीं जिला बनने के बाद जरूरी कार्यालय अब तक नहीं खोले जाने और पहले से बने कार्यालयों को बंद करने पर जिले के डिमोशन आरोप लगना शुरू हो गया है
दरअसल छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा जारी नये संसोधन के अनुसार विद्युत विभाग के जितने भी नए निर्माण कार्य डिवीजनल कार्यालय सीएसपीडीसीएल पेंड्रारोड से होता था वह सभी कार्य प्रोजेक्ट मुंगेली से संचालित होगा जबकि पेंड्रारोड के अंतर्गत रतनपुर, कोटा, पेंड्रारोड, मरवाही के समस्त निर्माण कार्य पेंड्रारोड से ही होता था . इससे जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही का तेजी से विकास हो रहा है क्षेत्रफल की दृष्टि से गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला बड़ा है और गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले से मुंगेली की दूरी लगभग डेढ सौ किलोमीटर है, इसलिए आने जाने में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा .
आपको बता दे कि पेंड्रारोड के अंदर चार सब डिवीजन और 11 डीसी भी आते हैं। जिले के विद्युत विभाग के प्रोजेक्ट कार्यालय को मुंगेली जिले में बनाए जाने को लेकर जिले के स्थानीय लोग इसका विरोध करते हुए विद्युत विभाग प्रोजेक्ट कार्यालय को यथावत रखने के लिए मांग किया है और आगे निर्णय वापस नहीं लेने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दिया है .
उक्त मामले की गंभीरता को देखते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष राकेश जालान समेत सत्तादल के नेताओ द्वारा विरोध किया गया है राकेश जालान ने बताया जिला गौरेला – पेण्ड्रा – मरवाही आदिवासी बाहुल्य जिला है आदिवासी जिले के विकास के लिए यह फैसला सही नही है हम शासन स्तर पर अपनी बात पहुँचाते हुए यह मांग करेंगे कि सिंचाई विभाग सहित बिजली विभाग को यथावत रखा जाए ताकि क्षेत्रवासियो को इसका लाभ मिलता रहे .
अब देखने वाली बात यह है कि शासन जो जिले के विकास की बात करती है वह कितना सही है अगर इसी तरह से कार्यालयों को शिफ्ट किया जाता रहेगा तो विकास हो न हो जिला पिछड़ जरूर जाएगा .