काले हीरे का काला खेल , माफियाओ ने जमीन के अंदर कई किलोमीटर बना दी सुरंग , सुनिए क्या कहते है जिम्मेदार ,
गौरेला – पेण्ड्रा – मरवाही : – मरवाही वनमंडल में जहाँ सुरंग बनाकर कोयले का अवैध कारोबार पनप रहा है विडंबना देखिये कोयलें के काले कारोबार का खेल उन आला अधिकारियों के नाक के नीचे चल रहा जो जरा जरा सी बात पर कानून के उल्लंघन और नियम कायदे की दुहाई देते है तब इन प्रशासन के नुमाइंदों से पूछा जाना चाहिए कि कैसे सारे नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए पर्यावण के साथ साथ वन्य सपंदा को नुकसान पहुँचाया जा रहा है यह काले करोबार का खेल आखिर किसकी संरक्षण में फल फूल रहा है ? जबकिं जिम्मेदार जानकारी न होने का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारियों से किनारा करने में लगे हुए है ।
दरअसल मामला जिला गौरेला – पेण्ड्रा मरवाही के मरवाही रेंज एवं मरवाही थाना क्षेत्र के कोरिया जिले से लगने वाली सीमा का है जहाँ जमीन के नीचे कई किलोमीटर लंबी सुरंग बनाकर कोल माफिया जंगलो को खोखला कर कोयले का अवैध कारोबार कर रहे है यह कोयला जिले के अंदर ही ग्रामीण इलाकों के कोल डिपो बनाकर खपाया जा रहा है . जिसकी भनक कहने को तो न तो जंगल विभाग को है न ही माइनिंग विभाग को है जबकि जिले गठन को ढाई वर्ष से ज्यादा समय हो चुका है जिले में वन विभाग समेत माइनिंग विभाग के बड़े अधिकारी भी पदस्थ है . जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर कोरिया वनमंडल की सीमा से लगने वाले जंगलो के अंदर यह काला खेल किसकी सह पर पल रहा है यह महत्वपूर्ण सवाल है जो इन जिम्मेदारों से पूछा जाना चाहिए मगर यह जिम्मेदार ही अपनी जवाबदेही से किनारा करते हुए अनभिज्ञता जाहिर कर रहे है .
मरवाही वनमंडल के मरवाही वन परिक्षेत्र अंतर्गत उषाढ़ बीट जहां दशको से कोयले उत्खनन का सिलसिला बदस्तूर जारी है हालात यह है कि जमीन के अंदर ही अंदर कई किलोमीटर तक कोयले का उत्खनन कर जंगलो को खोखला कर सुरंग बना दी गई है . तब सवाल यह उठता है कि जंगलो के रक्षक जिनको जंगलो कि सुरक्षा का जिम्मा दिया गया है उनकी नाक के नीचे यह अवैध उत्खनन का खेल कैसे चल रहा है मिली जानकारी अनुसार उषाड़ बीट गार्ड समेत पुलिस के आला अधिकारियों तक तस्करी की मोटी रकम पहुचाई जा रही है तब तो खुलेआम अवैध उत्खनन कर तस्करी का कार्य संचालित हो रहे है .
वहीं उक्त मामले पर जिले के पुलिस अधीक्षक जानकारी मीडिया के माध्यम से होने की बात करते हुए दोषियों पर कार्यवाही करने की बात कर रहे है .
मामले में वनमंडलाधिकारी बरसात के जांच कराये जाने की बात कह रहे है साथ ही तत्काल कार्यवाही करते हुए बीट गार्ड रामशुशील तिवारी को उषाण बीट से हटा कर कबीर बेरियर में कर दिया है .
वही जिला खनिज अधिकारी तो इन सबसे अनजान बने हुये हैं जबकिं जिला गठन को दो वर्ष से ज्यादा बीत चुका है .
मरवाही विधायक को मीडिया के जरिये कोयला सुरंग और काले कारोबार की जानकारी होने की बात कही गयी मगर कार्यवाही अब तक शून्य है .
मामले में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अंतरजिला और अंतरराज्यीय स्तर पर इस कोयले के खेल को काफी गंभीर बतलाते हुये इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग करते हुये राज्य सरकार पर कोल माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं .