219 करोड़ के राशन घोटाले में जांच समिति के सचिव को कुछ और बिंदुओं को शामिल करने सौंपा ज्ञापन

रायपुर। राज्य में हुए 219 करोड़ के राशन घोटाले मामले की जांच विधानसभा समिति की ओर से की जा रही है। समिति के सामने कई सारे गोलमाल सामने आ रहे हैं। इस बीच इस मुद्दे को प्रमुखता से उठानी वाली सामाजिक संस्था हमर संगवारी ने जांच समिति के सचिव (जो कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के सचिव हैं), एक दस बिंदु की तथ्यात्मक जानकारी पर सवाल उठाते हुए इस जांच के विषय में शामिल करने का आग्रह किया है। यहां बताना जरूरी होगा कि इस राशन घोटाले के मामले में जांच समिति की ओर से खाद्य मंत्रालय से 16 बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई थी।
1- संचालनालय स्तर पर किस अधिनियम/आदेश के तहत प्रदेश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली को अधिनियमित किया जाता है?
2- इसकी किस धारा में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के खाद्यान सहित अन्य वस्तु का व्यपवर्तन नहीं किया जा सकता है
यदि व्यपवर्तन होता है तो जिम्मेदार के विरुद्ध किस नियम के तहत कार्यवाही की जाती है।
3- यदि राशन दुकान दार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत खाद्यान्न सहित अन्य वस्तु की कालाबाजारी की जाती है तो किस धारा का उल्लंघन होता है, कौन जांच करता है, किसे जांच प्रतिवेदन देता है।जनवरी 2021 से दिसम्बर 2023 तक जांच, प्रतिवेदन की जिलेवार संख्या। खाद्य संचालनालय स्तर पर जनवरी 2021 से 2023 दिसंबर तक किए गए राशन दुकानों की जांच संख्या और जांच प्रतिवेदन की जानकारी.
4- नवंबर 2021में प्रदेश के जिलेवार राशन दुकानों बचत चांवल, शक्कर की मात्रा की जानकारी.
5- कितने राशन दुकानों को राजस्व वसूली की नोटिस भेजी गई, जिलेवार, राशन दुकानों के नाम और राजस्व वसूली राशि की जानकारी
6- जनवरी 2021 से दिसंबर 2023 तक जिन राशन दुकानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया उनके नाम, एफआरआई के बाद की कार्यवाही की जानकारी.
7- अपर संचालक श्री राजीव कुमार जायसवाल द्वारा जूम कॉन्फ्रेंस लेकर बाजार से चांवल, शक्कर खरीद कर रखवाने की जांच .
8- जनवरी 2021 से दिसंबर 2023 तक जिन-जिन अधिकारियों ने जूम कांफ्रेंसिंग किया उनकी पुष्टि खाद्य निरीक्षकों के कथन
9- तेरह हजार राशन दुकानों के घोषणा पत्र ,पोर्टल से हटाए जाने संबंधी संचालनालय स्तर की गई कार्यवाही की नोटशीट की प्रति,यदि कोई लिखित दस्तावेज नहीं है तो ये साक्ष्य मिटाने का अपराध है।
10- अपर संचालक राजीव कुमार जायसवाल, अनिल टुटेजा और सौम्या चौरसिया के द्वारा संरक्षित रहा है, इसे निलंबित किया जाए।
हमर संगवारी संस्था के राकेश चौबे ने यह भी कहा है कि खाद्य संचालनालय के दोषी अधिकारी खुद को बचाने के लिए विभाग के जिला अधिकारियों पर भी दबाव बना रहे हैं। जांच समिति इसे भी संज्ञान में ले।

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