दंतेवाड़ा। जिला अस्पताल और कुआकोंडा सीएससी के बीच दवाओं व अन्य सामग्री को ड्रोन के माध्यम से पहुंचाने का ट्रायल किया जा रहा है। कुआकोंडा सीएससी से 8 ब्लड सेंपल जांच के लिए जिला अस्पताल भेजकर स्वास्थ्य विभाग को दो ड्रोन का डेमो दिखाया गया, जिसमें आरएफटीएलएफटी, थाइराइड जैसे खून के नमूने कुआकोंडा सीएससी से जिला अस्पताल भेजे गए। जिले में इसकी कितनी जरूरत है अब इसका आंकलन अधिकारी करेंगे। दरअसल जिले में ऐसे कई अस्पताल हैं जहां से मरीज को जिला अस्पताल पहुंचाने में डेढ़ से 2 घंटे लगते हैं, तब तक मरीज की हालत बिगड़ जाती है, कई बार नक्सल क्षेत्र के अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाएं नहीं मिल पाने से भी कई लोगों की जान चली जाती है, खासकर सर्पदंश के मामलों में, ऐसे केस में दवाओं को पहुंचाने में ड्रोन कारगर साबित होगा, अभी हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ड्रोन का इस्तेमाल करता है, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश जैसे और राज्यों में भी इसका ट्रायल किया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग को दो ड्रोन का डेमो दिखाया गया एक 50 किलोमीटर रेंज और दूसरा 120 किलोमीटर रेंज, 50 किलोमीटर रेंज वाले ड्रोन से पूरे जिले भर के अस्पतालों तक दवा पहुंच सकेगी, जरूरी और एमरजेंसी जांच के लिए मेडिकल कालेज जगदलपुर भी ब्लड सेंपल जांच के लिए जगदलपुर भेजे जा सकेंगे। ड्रोन की 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार है, जमीन से 300 मीटर ऊंचाई तक यह उड़ान भर सकता है।
डॉ देश दीपक ने बताया ड्रोन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में एमरजेंसी में जरूरी दवा भेज सकेंगे, काफी कारगर साबित होगा, ड्रोन का अभी सिर्फ इसका ट्रायल किया जा रहा है। जिला अस्पताल के सामने हाईस्कूल ग्राउंड से कुआकोंडा सीएससी के सामने हाईस्कूल ग्राउंड में ड्रोन दवा लेकर 15 मिनट में 23 किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंचा। ड्रोन ऑपरेट कर रहे मिलन, यूसुफ ने बताया पहली बार यहां इसका डेमो किया जा रहा है, इसलिए कुछ समय ज्यादा लग रहा है। पूरे समय चाहे 10 किलोमीटर हो या 120 किलोमीटर हम ड्रोन पर नजर रखते हैं।
जिला अस्पताल से कुआकोंडा सीएससी तक दवाओं व अन्य सामग्री को ड्रोन के माध्यम से पहुंचाने का किया गया ट्रायल
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