डेढ़ दर्जन से ज्यादा गांव का आवागमन हुआ दूभर , 20 माह बाद भी सड़क निर्माण अधर में , बच्चो का स्कूल जाना हुआ मुश्किल ,

गौरेला – पेण्ड्रा – मरवाही : – 30 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन सड़क का कार्य पूर्ण नही होने से ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गया है . जिले के आखरी छोर में बसे गांव बसंतपुर से बस्तिबगरा मार्ग का निर्माण कार्य बरसात से पहले पूरा किया जाना था मगर आज पर्यत्न तक कार्य पूर्ण नही हुआ है जिससे ग्रामीण के साथ साथ स्कूली छात्रों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है .

आपको बता दे उक्त निर्माणाधीन सड़क जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर की दूरी बनाई जा रही है इसके बाउजूद जिम्मेदार अधिकारी इस ओर झांकने तक नही आते ठेका कंपनी खुलेआम अनियमितता बरत रही है अब ठेका कंपनी बरसात का हवाला देते हुए उक्त सड़क में निर्माण कार्य रोक दिया है .

महत्वपूर्ण बात यह है बसंतपुर से आमगांव बस्तिबगरा 27 किलोमीटर की सड़क बनाई जा रही है जिसकी लागत 30 करोड़ है जिसे 20 माह में पूरा किया जाना था जो आज पर्यंत तक अपूर्ण हालात में है जिसका खामियाजा सीमांत क्षेत्र के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है इस मार्ग पर पड़ने वाले प्रमुख गांव आमाडाँड़ , कोडगार , बस्तिबगरा , आमगांव , टिकरखुर्द , कोटमीखुर्द , बेन्दरचुआ समेत लगभग डेढ़ दर्जन से ज्यादा गांव उक्त मार्ग पर आश्रित है जो पूर्णतः आदिवासी इलाका है .

वही ग्रामीणों ने बताया कि सड़क को आधा अधूरा छोड़ दिया गया है जिससे सड़क मार्ग पर गड्ढे ही गड्ढे हो गए है इसके साथ ही लगातार हो रही बरसात के बाद मार्ग चलने की हालत में भी नही है स्कूली छात्र ऐसी हालत में स्कूल तक नही जा पा रहे है . हालात यह है कि लगातार कोई दुर्घटना हो रही है मगर लोक निर्माण विभाग के अधिकारी आंख मुदे हुए है शायद विभाग को कोई बड़े हादसे का इंतजार है .

उल्लेखनीय है कि जब बरसात तक सड़क मार्ग पूरी नही हुई थी तो सर्विस रोड बनाया जाना था मगर ठेका कंपनी और विभाग की इस लापरवाही पूरे गांव के लिए परेशानी का सबब बन गई है .इससे पहले भी ठेका कंपनी और विभाग पर गुणवत्ताहीन पुलिया निर्माण का आरोप लग चुका है जिसपर शिकायत के बाद विभाग जागा और पुनः पुलिया निर्माण कराये जाने को निर्देशित किया था . मगर पुनः ठेका कंपनी को खुली छूट दे दी गई है जिसकी वजह से निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है .

अब देखना यह होगा कि कैसे इस बरसात में ठेका कंपनी और विभाग ग्रामीण अंचल क्षेत्र के लोगो को सहूलियत प्रदान करती है या ग्रामीण पूरी बरसात इसी तरह परेशानियों चलने को मजबूर रहते है

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