बस्तर दशहरा मनाने के लिए समिति ने राज्य सरकार को डेढ़ करोड़ का भेजा प्रस्ताव

जगदलपुर। बस्तर जिले के कलेक्टर विजय दयाराम ने बताया कि इस वर्ष रियासत कालीन बस्तर दशहरा के परंपराअेां निर्वहन के लिए लगभग डेढ़ करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। डेढ़ करोड़ रुपए में चावल-17 लाख, किराना- 9 लाख, रसूम, बिदाई रसूम – 4 लाख रुपए। मंदिर व रथ बिजली सजावट, एलईडी- 32 लाख 10 हजार। कुर्सी, शामियाना, टेंट व अन्य-19 लाख 50 हजार। गाड़ी मरम्मत व अन्य गाड़ी किराया 16 हजार 500। डीजल – 8 लाख 20 हजार। लोहा- 38 हजार रुपए। फल, फूल और भोग मिठाई- 4 लाख 81 हजार 500 रुपए। रथ, रस्सी व कपड़ा सिलाई- 3 लाख। मंदिरों में रंगाई व पुताई- 6 लाख 60 हजार। कपड़ा 11 लाख 50 हजार। फटाखे – 6 लाख। प्रचार प्रसार व स्टेशनरी सामग्री-3 लाख। रथ लकड़ी के लिए लकड़ी चिरान-2 लाख 80 हजार रुपए और अन्य खर्च 8 लाख रुपए है। उन्होने बताया कि बस्तर दशहरा महापर्व मनाने के लिए समिति ने राज्य सरकार को डेढ़ करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा है। पिछले वर्ष 1 करोड़ 44 लाख 63 हजार 298 रुपए खर्च हुए थे। समिति के सदस्यों ने बताया कि इस साल दशहरा मनाने में करीब 1 करोड़ 50 लाख 16 हजार रुपए खर्च होने का अनुमान है।
कलेक्टर विजय दयाराम ने बस्तर दशहरा समिति को दसरा पसरा की भी जानकारी देते हुए बताया कि दसरा पसरा में प्रशासन ने आदिवासी जनजातियों के संस्कृति एवं इतिहास के संरक्षण के लिए भवन निर्मित किया गया है। साथ ही संस्कृति और इतिहास के संबंध में ऑडियो-विजुअल प्रस्तुति दी जाएगी। सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए खुला सभागार, कैफेटेरिया और संचालन समिति हेतु प्रशासनिक भवन के रूप में उपयोग करने की बात कही। बस्तर दशहरा मनाने के लिए हर साल करीब 200 पेड़ काटे जाते हैं। इसके चलते जिला प्रशासन एक पेड़ बस्तर के देवी-देवताओं के नाम का अभियान चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम मे नकटी सेमरा में 250 पौधे लगाए गए हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *