00 सुशील ने कहा यदि उसे बुलाया जाता है तो वह राज्यपाल से आगे की पढ़ाई करने का अनुरोध करेगी
00 घायल ग्रामीण सोमधर कोर्राम की हालत को देखते हुए उसे बेहतर उपचार के लिए रायपुर किय गया रेफर
नारायणपुर। जिले के झारागांव में 8 हथियारबंद अज्ञात हमलावरों से अपने पिता सोमधर कोर्राम की जान बचाने वाली बहादुर बेटी सुशीला कोर्राम को राज्यपाल के द्वारा सम्मान करने के लिए राजभवन बुलाए जाने की बात कही है। राज्यपाल डेका ने समाचार पत्रों में प्रकाशित नक्सलियों से लड़कर अपने पिता की जान बचाने वाली साहसी बालिका की खबर देखकर उसे राजभवन में बुलाकर सम्मानित करने के निर्देश दिए हैं। छग. के राज्यपाल रमेन डेका का कहना है कि सशस्त्र अज्ञात हमलावरों से संघर्ष कर बच्ची ने ना सिर्फ बहादुरी का परिचय दिया, बल्कि अपने घायल पिता की जान भी बचाई है। इस दौरान राज्यपाल के उप सचिव हिना अनिमेष नेताम एवं राजभवन के सभी अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे। गंभीर रूप से घायल सोमधर कोर्राम पर 5 अगस्त की रात को कुछ अज्ञात हमलावरों ने कुल्हाड़ी से हमला कर दिया था। जिसका उपचार मेकॉज में चल रहा था, तीन दिनों तक चले उपचार के बाद गंभीर रूप से घायल ग्रामीण सोमधर कोर्राम की हालत को देखते हुए गुरुवार को उसे बेहतर उपचार के लिए रायपुर रेफर कर दिया गया।
मेकॉज के डॉक्टरों के अनुसार घायल सोमधर कोर्राम के छाती में कुल्हाड़ी लगने के बाद घाव बन गया है। यहां दूरबीन पद्धति नहीं होने के साथ ही पर्याप्त उपकरणों की कमी के चलते उसे रायपुर के मेकाहारा अस्पताल रेफर किया जा रहा है। रायपुर जाने के बाद वहां पर इसके पिता का ऑपरेशन होने के साथ ही अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध हो जाएंगी। घायल ग्रामीण सोमधर कोर्राम की 17 वर्षीय बेटी 8 वीं तक पढ़ी है, लेकिन परिवार की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण पढ़ाई को छोड़ दी है। सुशीला का कहना है कि अगर आने वाले समय में उसे पढ़ाया जाता है तो वह आगे चलकर एक स्टाफ नर्स बनना चाहती हैं, जिससे कि वह बस्तर अंचल के ग्रामीणों की सेवा कर सकें। सुशीला ने बताया कि उसके रिश्तेदारों से लेकर दोस्त व समाचार के माध्यम से उसे पता चला है कि उसकी बहादुरी के चलते राज्यपाल रमेन डेका ने उसकी बहादुरी का सम्मान करने की बात कही है। अगर उसे बुलाया जाता है तो वह राज्यपाल से आगे की पढ़ाई करने का अनुरोध करने की बात कही है।
उल्लेखनिय है कि नारायणपुर के झारागांव की बेटी सुशीला के पिता सोमधर कोर्राम पर तीन दिन पहले घर में रात के समय 8 हथियारबंद अज्ञात हमलावर हाथ मे कुल्हाड़ी व राइफल लेकर उसके पिता की खोज करने के लिए आये थे, जहां नही मिलने पर चेतावनी देकर चले गए, लेकिन 1 घंटे के बाद जब उसके पिता सोमधर कोर्राम घर आये तो फिर वही 8 हथियारबंद अज्ञात हमलावर 4 मोटर साइकिल से वापस घर आये और सोमधर कोर्राम के छाती पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया, घटना के तत्काल बाद ग्रामीण सोमधर कोर्राम की बेटी सुशीला ने बिना हार माने उन हथियारबंद लोगों से बिना डरे अपने साहस का परिचय देते हुए नकाबपोशों के हाथ से कुल्हाड़ी छीनकर अपने घायल पिता को पहले दूसरे कमरे में बंद कर उसकी जान बचाने के साथ ही कुल्हाड़ी को फेंक कर शोर मचाने से आस-पास के लोग मौके पर आ पहुंचे जिसके बाद नकाबपोश हथियारबंद मौके से भाग निकले, बेटी सुशीला कोर्राम ने घायल पिता को पहले नारायणपुर के जिला अस्पताल में भर्ती करवाया, लेकिन उसकी स्थिति को देखते हुए उसे मेकॉज रेफर किया गया, इस खबर के प्रकाशित होने के बाद राज्यपाल रमेन डेका ने बच्ची के साहस की सराहना करते हुए बच्ची का राज भवन में सम्मान करने की बात कही है।
राज्यपाल ने अज्ञात हमलावरों से अपने पिता की जान बचाने वाली बेटी को राजभवन में सम्मानित करने के लिए दिए निर्देश
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