कांकेर । जिला मुख्यालय के ऊपर नीचे मार्ग के किनारे स्थित रियासतकालीन शिव मंदिर की अपनी अलग ही मान्यता है। इस मंदिर में शिवलिंग पर शिवजी के लिंग को घेरे नंदी विराजमान हैं, जिन्हें नंदीश्वर महादेव कहां जाता है। इन दिनों सावन का पवित्र महीना चल रहा है, कांकेर जिला छग.प्रदेश और देशवासियों के लिए बाबा नंदीश्वर महादेव के दरबार के कारण खास हो जाता है। मंदिर समिति से जुड़े पदाधिकारियों ने देश के संत महात्माओं से जानकारी ली तो पता चला इस तरह के शिवलिंग पूरे देश में कहीं नहीं हैं। हाल ही में मंदिर समिति को एक धर्मगुरू के माध्यम से दक्षिण भारत में इस तरह का शिवलिंग होने की जानकारी मिली, लेकिन उसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। इस प्रचीन मंदिर में शिवलिंग के अलावा माता पार्वती, गणेश, हनुमान जी, माता गंगा की भी मूर्ति स्थापित है।
इस मंदिर में लोगों की बड़ी आस्था जुड़ी हुई हैं, प्रतिवर्ष यहां हजारों की संख्या में लोग पूजा अर्चना के लिए पहुंचते हैं। प्रतिवर्ष यहां कांवड़ यात्रा का आयोजन होता है, लोग सरंगपाल स्थित महानदी से कावड़ में जल लेकर 7 किलोमीटर लंबी यात्रा तयकर नंदीश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर जलाभिषेक करते हैं। मान्यता है कि सावन के महिने में कावड़ में जल लेकर नंदीश्वर महादेव का जलाभिषेक करने से भक्तों के बड़े से बड़े पाप समाप्त हो जाते हैं और सभी प्रकार के कष्ट से मुक्ति मिल जाती है। लोगों का कहना है कि नंदीश्वर महादेव पर लोगों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है, भगवान भोलेनाथ उनकी हर मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इसलिए हर वर्ष यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। कांकेर विधायक आशाराम नेताम एवं कलेक्टर निलेश क्षीरसागर मंदिर पंहुचकर भगवान नंदीश्वर महादेव का जलाभिषेक किया है।
मंदिर पुजारी धमेंद्र मिश्रा ने बताया कि मंदिर में विलक्षण शक्ति है। मंदिर समिति विगत 7 वर्षों से कांवड़ यात्रा का आयोजन कर रही है। सरंगपाल महानदी से जल लाकर भगवान शिव का जलाअभिषेक किया जाता है। इस वर्ष की कांवड़ यात्रा आज 19 अगस्त को निकाली गई और नंदीश्वर महादेव का जलाअभिषेक किया गया। उन्होने बताया कि सावन माह के साथ ही महाशिवरात्रि भी बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाई जाती है।
कांकेर में है देश का इकलौता है नंदीश्वर महादेव मंदिर, जिसमे शिव लिंग को घेरे नंदी विराजमान हैं
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