उच्च न्यायालय ने राशन लाने जिंदगी दांव पर लगाने की खबर पर संज्ञान लेकर बीजापुर कलेक्टर को शपथ पत्र पेश करने दिया निर्देश

बीजापुर । जिले में बीते दिनों भारी बारिश से इलाके के 30 गांव टापू बन गए थे। राशन लाने के लिए बाढ़ प्रभावित लोग अपनी जिंदगी दांव पर लगाने का मीडिया में खबरों के आने के बाद छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले में शासन को नोटिस जारी कर, हालत सुधारने के उपायों पर बीजापुर कलेक्टर को शपथ पत्र देने कहा है।
सरकार की ओर से उच्च न्यायालय को बताया गया कि बस्तर क्षेत्र में, बरसात के मौसम के दौरान, कुछ हिस्सों में बीजापुर जिले के जो दूरस्थ क्षेत्र है, वहां इस तरह की समस्या आती है। उस स्थिति से उबरने के लिए पीडीएस दुकानों में 4 माह का राशन एक साथ प्रदाय किया जाता है, ताकि राशन वितरण में कोई बाधा न आए। इसके साथ ही राज्य सरकार की नीति है कि जहां न्यूनतम 500 हितग्राही हों, वहीं पीडीएस दुकानें खोली जाती है। मौजूदा मामले में जो गांव प्रभावित हैं, वहां हितग्राहियों की इतनी संख्या नहीं है। शासन ने आगे कहा कि चूंकि जल स्तर अब नीचे चला गया है, स्थिति कुछ दिनों पहले की तुलना में काफी बेहतर है और पीडीएस दुकानों के माध्यम से खाद्यान्न वितरण में ग्रामीणों को कोई कठिनाई न हो, इसके लिए राज्य एवं जिला प्रशासन सभी उपाय कर रहा है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने कलेक्टर बीजापुर को सुनवाई की अगली तारीख से पहले वर्तमान जनहित याचिका के संबंध में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है, अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी।

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