खबरों के प्रकाशन व प्रसारण की अपनी विश्वसनीयता होनी चाहिए – मुक्तिबोध

00 राष्ट्रीय चेतना न्यूज यूट्यूब चैनल लांचिंग समारोह
00 नेताजी जयंती पर कवि सम्मलेन का भी आयोजन
भिलाई। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर स्थानीय कला मंदिर में राष्ट्रीय चेतना न्यूज़ यूट्यूब चैनल लांच किया गया। इस अवसर पर महापौर नीरज पाल, वरिष्ठ पत्रकार दिवाकर मुक्तिबोध और शिक्षाविद आई पी मिश्रा अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। यूट्यूब चैनल के लांचिंग के बाद अखिल भारतीय कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया। जिसमें सांसद विजय बघेल और अन्य विशिष्टजन मौजूद थे।
वरिष्ठ पत्रकार दिवाकर मुक्तिबोध ने बदलते समय में पत्रकारिता के स्वरुप और सोशल मीडिया के प्रभाव गुणवत्ता तथा गुण दोषों पर विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन दशकों में पत्रकारिता में बहुत बदलाव आया है। सोशल मीडिया व इलेक्ट्रानिक न्यूज चैनलों के बीच आज भी प्रिंट की अपनी विश्वसनीयता बनी हुई हैं,लेकिन चुनौतियां भी बढ़ गई हैं। खबरों के प्रकाशन व प्रसारण की भी अपनी विश्वसनीयता होनी चाहिए। आगे बढऩे की होड़ में बगैर तथ्यों के खबर नहीं परोसी जानी चाहिए।
वरिष्ठ शिक्षाविद आई पी मिश्रा तथा महापौर नीरज पाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर भिलाई इस्पात संयंत्र ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष (सेफी के चेयरमैन) तथा बी एस पी ओ ए के अध्यक्ष नरेन्द्र बंछोर, बिल्डर्स संजय बघेल बड़ी संख्या में पत्रकारगण और गणमान्य लोग उपस्थित थे। सांसद विजय बघेल काफी विलंब से कवि सम्मलेन में पहुंचे और राष्ट्रीय चेतना न्यूज़ यूट्यूब चैनल लांच करने के लिए अपनी शुभकामनाएं दी। उन्होंने छत्तीसगढ़ी गीत मोर संग चलौ जी, मोर संग चलौ गा..की प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम का समापन किया।
समाजसेवी राजीव चौबे द्वारा नेताजी जयंती पर कवि सम्मलेन का आयोजन पिछले लगभग 10 वर्षों से लगातार किया जा रहा है। भिलाईनगर के कला मंदिर में आयोजित इस समारोह में बॉर्डर सेक्यूटिी फॉर्स के तीन डी आई जी रतन लाल बागड़ी , विपुल मोहन बाला तथा बक्सराज कौशल अपनी पूरी यूनिट के साथ विशेष तौर उपस्थित रहे। कवि सम्मलेन में ओज के शीर्ष स्वर डॉ. हरिओम पंवार, हास्य के सशक्त हस्ताक्षर डॉ. प्रवीण शुक्ला, गीतकार डॉ. रुचि चतुर्वेदी एवं युवा गीतकार भरत द्विवेदी शामिल हुए। संचालन राजीव चौबे ने किया।
श्री चौबे ने इस अवसर पर कहा कि हास्य के नाम पर परोसी जा रही फूहड़ता के खिलाफ यह उनका रचनात्मक अभियान है। मंचस्थ सभी कवियों ने विशुद्ध कविता और गीतों के माध्यम से ही अपनी बात रखी। राजीव चौबे ने जहां चक्रव्यूह में फंसे अभिमन्यु के शौर्य का वर्णन किया वहीं डॉ. हरिओम पंवार ने विसंगतियों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए सरकार से अपनी अपेक्षाओं को आवाज दी, साथ ही उन्होंने नए दौर के भारत का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली के सिंहासन पर अब शेर बैठा है। उन्होंने अपनी ओजस्वी वाणी से युवाओं को प्रेरित भी किया। डॉ. प्रवीण शुक्ला ने अपने चिरपरिचित अंदाज में लोगों को गुदगुदाया। डॉ. रुचि ने सरस्वती एवं मां भारती के यशोगान से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मंच की सबसे बड़ी उपलब्धि रायपुर के युवा कवि-गीतकार भरत द्विवेदी रहे।उन्होंने अपनी रचनाओं और प्रस्तुतियों के द्वारा न केवल श्रोताओं का बल्कि मंच का भी आशीर्वाद प्राप्त किया।