पुलिस कर्मियों और उनके परिजनों की गांजा तस्करी से अर्जित 1.5 करोड़ की अवैध संपत्ति फ्रीज

बिलासपुर। बिलासपुर पुलिस ने गांजा तस्करी से अर्जित अवैध संपत्ति पर कड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 1.5 करोड़ रुपये की संपत्ति को फ्रीज कर दी है। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह (भा.पु.से.) के नेतृत्व में चल रही इस जांच के तहत गांजा तस्करी में संलिप्त पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों की संपत्तियों को भी निशाना बनाया गया है।
23 अक्टूबर 2024 को बिलासपुर जीआरपी ने 20 किलोग्राम गांजा जब्त कर मुख्य आरोपियों योगेश सोंधिया और रोहित द्विवेदी को गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि जी.आर.पी. के आरक्षक लक्ष्मण गाईन, मन्नू प्रजापति, संतोष राठौर और सौरभ नागवंशी लंबे समय से ट्रेन में चेकिंग के दौरान गाजा बरामद कर उसे अवैध रूप से तस्करों को बेचने का काम कर रहे थे। ये आरोपी महासमुंद, रायपुर, दुर्ग, गोदिया, चांपा, सक्ती, रायगढ़ सहित कई स्थानों पर अपने संपर्कों के माध्यम से गांजा तस्करी को अंजाम देते थे। जांच में सामने आया कि आरोपियों ने गांजा तस्करी से अर्जित धनराशि को बेनामी बैंक खातों और नकद लेनदेन के जरिए छिपाकर संपत्तियां खरीदी थीं। सफेमा कोर्ट, मुंबई के आदेश पर उनकी संपत्तियों को फ्रीज कर दिया गया। फ्रीज की गई संपत्ति का विवरण इस प्रकार है- लक्ष्मण गाईन सिरगिट्टी, बिलासपुर में 50 लाख रुपये मूल्य का मकान, संतोष राठौर कोरबा में 10 लाख रुपये की भूमि, मन्नू प्रजापति बिलासपुर में 65 लाख रुपये की संपत्ति शामिल हैं। इनसे जब्त गाडियां हार्ले डेविडसन बाइक, टाटा सफारी और हुंडई वेन्यू भी फ्रीज की गई है।
जांच में यह भी सामने आया कि आरक्षक लक्ष्मण गाईन गांजा तस्करी से मिले पैसे को अपने साले के बैंक खाते में जमा करवाता था। इस धनराशि से उसने मकान, महंगी गाडिया और अन्य संपत्तिया खरीदी। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देश पर नशे के कारोबार की जड़ तक पहुंचने के लिए ‘इंड-टू-इंड’ कार्यवाही और वित्तीय जांच (फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन) को तेज कर दिया गया है। इस सफलता के लिए जांच दल की सराहना करते हुए उन्हें पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है।

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