Reading:करोड़ो के घोटालेबाज वन रक्षक पर कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति , स्पेशल ड्यूटी देकर वन रक्षक को बचाने का षड्यंत्र , विधानसभा बजट सत्र में गूंजेगा मुद्दा ,
करोड़ो के घोटालेबाज वन रक्षक पर कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति , स्पेशल ड्यूटी देकर वन रक्षक को बचाने का षड्यंत्र , विधानसभा बजट सत्र में गूंजेगा मुद्दा ,
करोड़ो के घोटालेबाज वन रक्षक पर कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति , स्पेशल ड्यूटी देकर वन रक्षक को बचाने का षड्यंत्र , विधानसभा बजट सत्र में गूंजेगा मुद्दा ,गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही : – मरवाही वनमंडल में हुए करोड़ो के भ्रष्टाचार पर घोटालेबाज वन रक्षक पर कार्यवाही के नाम पर महज खानापूर्ति करते हुए इसे स्पेशल ड्यूटी गौरेला पदस्थ किया गया है .
मरवाही वनमंडल के मरवाही वनपरिक्षेञ के साल्हेकोटा वनप्रबंधन समिति अंतर्गत आने वाले नेचर कैम्प गगनई में नेचर कैम्प प्रबंधन समिति जामवंत माड़ा गगनई के नाम से फर्जी समिति गठित कर करोड़ो की राशि निकालने का मामला सामने आया है वही वनरक्षक पर कार्यवाही के नाम पर ठेंगा दिखाकर आदिवासी अंचल क्षेत्र की आमजनता की आंखों में धूल झोंकने का घृणित प्रयास किया जा रहा है .
महत्वपूर्ण बात यह है कि उक्त मामले की शिकायत को लगभग दो माह बीत चुके है जिसमे अनुविभागीय अधिकारी वन द्वारा प्रारंभिक जांच में फर्जी समिति बनाना , फर्जी अध्यक्ष एवं सचिव द्वारा शासकीय राशि की हेराफेरी करने के दोषी पाए जाने पर दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की अनुशंसा की गई है परंतु वन रक्षक को बचाने में पूरा वन अमला लग गया है वही दो माह बाद भी उक्त मामले पर कार्यवाही के नाम खानापूर्ति की गई है जबकि नियमतः इतने बड़े घोटाले के मामले में वन रक्षक पर निलंबन की कार्यवाही जानी चाहिए थी मगर वनमण्डलाधिकारी द्वारा जिस तरह सुनियोजित तरीके से कार्यवाही की गई है उससे वनमंडलाधिकारी की कार्यशैली पर कई सवालिया निशान खड़े हो रहे है आमजनमानस में यह चर्चा है कि उक्त मामले में बड़ी सेटिंग का खेल चला है जिसने वन मंडल स्तर के उच्चाधिकारियों को मोटी रकम पहुँचाई गई है .इस संबंध में वनमंडलाधिकारी द्वारा विस्तृत जांच कराए जाने की बात कही जा रही है
https://youtu.be/pgBft87reFo
सवाल यह है कि जब समिति ही फर्जी है तो समिति द्वारा कराए गए कार्य भी फर्जी होंगे कार्य के साथ साथ सारे बिल बाउचर भी फर्जी होगी किंतु वनमंडलाधिकारी द्वारा विस्तृत जांच के नाम पर आम लोगो को दिग्भ्रमित करते हुए फर्जी अध्यक्ष एवं सचिव द्वारा बनाये गए बाउचर के दो चार सेटिंग श्रमिको का बयान अपने पक्ष में दिलाकर तथा फर्जी सामग्री सप्लाई करने वाले फर्मो का बयान अपने पक्ष में लेकर पूरे फर्जी प्रकरण में फंसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बचाने के लिए वनमंडलाधिकारी द्वारा इस तरह कूटरचना करने का घृणित प्रयास करना प्रतीत होता है . अगर स्थल पर कार्य होना सही है , मजदूरों का भुगतान होना सही है तथा सामग्री क्रय सम्बधी बिल सही है तो फिर फर्जी समिति बनाकर फर्जी अध्यक्ष , सचिव के द्वारा बैंक से राशि आहरण क्यो कराई गई . साथ ही समिति में राशि जमा होने के 4 माह पूर्व तत्कालीन प्रभारी वनमंडलाधिकारी द्वारा राशि आहरण की अनुमति कैसे दी गई .
अगर वनमंडलाधिकारी को विस्तृत जांच कराना ही है तो वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में नेचर कैम्प गगनई अंतर्गत कराये गए समस्त कार्य जिसमें परिक्षेत्र अधिकारी मरवाही के कैशबुक में दर्ज बाउचरो एवं वनप्रबंधन समिति सल्हेकोटा तथा नेचर कैम्प प्रबंधन समिति गगनई के कैशबुक में दर्ज बाउचरो ( तीनो कैशबुक एवं बाउचर ) की विस्तृत जांच एक साथ कराये जाने पर मामले में दूध का दूध पानी का पानी उजागर हो जाएगा क्योंकि संभावना है कि एक ही कार्य के बाउचर एक दूसरे के कैशबूक में दर्ज किए गए होंगे .
सिर्फ नेचर कैम्प समिति जामवन्त माड़ा गगनई के खाते से निकाली गई 42.31 लाख के फर्जी बिल बाउचर की जांच महज खानापूर्ती जैसा ही है .वही कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ती का यह मामला बजट सत्र विधानसभा में उठाया जाएगा