नारायणपुर। जिले के नक्सल प्रभावित झारा गांव में बीती रात आठ बंदूकधायों ने एक ग्रामीण सोमधर कोर्राम उम्र 50 वर्ष को उसके घर पंहुचकर हत्या की नीयत से उस पर कुल्हाडी से हमला कर दिया। इस दौरान वहां मौजूद 17 वर्षीय बेटी सुशीला कोर्राम ने पिता पर कुल्हाड़ी से पहला हमला होने के बाद हिम्मत दिखाते हुए हमलावरों के सामने अड़ गई, और कुल्हाड़ी को छीनकर फेंकने के साथ ही शोर मचा दिया। जिसके बाद आस-पास के लोग घर आ पहुंचे। इसे देखकर बंदूकधारी नक्सली मौके से फरार हो गए। घटना के तत्काल बाद ग्रामीण की बेटी सुशीला ने साहस का परिचय देते हुए पिता को उपचार के लिए जिला अस्पताल नारायणपुर ले गई। वहां ग्रामीण की खराब हालत को देखते हुए उसे मेकॉज रेफर किया, जहां उसका उपचार जारी है। इस मामले पर नारायणपुर पुलिस ने नक्सली वारदात को नकारते हुए जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रथम दृष्टया मामला पैतृक गांव में व्यक्तिगत विवाद का संभावना व्यक्त की है, जांच कार्यवाही जारी है।
नक्सली हमले से घायल ग्रामीण सोमधर कोर्राम की बेटी सुशीला कोर्राम ने बताया कि शाम को पिता खेत गए हुए थे। उसी समय शाम को मां सुदनी अपने घर के बगल में गई हुई थी। शाम 6 बजे 8 अज्ञात बंदूकधारी आकर पिता के बारे में जानकारी लेने के बाद चले गए। रात करीब सात बजे वापस अज्ञात बंदूकधारी आए और पिता से बात करने के साथ ही हाथ में रखे कुल्हाड़ी से पिता के गले में वार कर दिया। जिसे देखकर उसने अज्ञात हमलावर के हाथ में पकड़े कुल्हाड़ी को छीनकर फेंकते हुए शोर मचा दिया। जिससे बाद आस-पास के लोग घर पहुंच गए, इसे देखकर हमलावर मौके से फरार हो गए। जिसके बाद पिता को उपचार के लिए जिला अस्पताल नारायणपुर फिर मेकॉज लाया गया।
हमलावरों से बहादुर बेटी ने पिता की बचाई जान, पुलिस ने प्रथम दृष्टया व्यक्तिगत विवाद बताया
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