बिलासपुर रेलवे स्टेशन पुराना भवन ऐतिहासिक धरोहर के रुप में संरक्षित होगा

00 पुनर्विकास के माध्यम से इसकी विरासत को बनाए रखने की पहल बदलेगी तस्वीर स्टेशन बिलासपुर की
00 392 करोड़ रुपये की लागत से होगा बिलासपुर स्टेशन का पुनर्विकास
बिलासपुर। रेलवे देश की लाइफलाइन है, रेलवे लगातार यात्री सेवा को सुलभ करने के लिए नवीनतम तकनीक, सुविधाओं और बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने पर काम कर रही है। वर्तमान में रेल मंत्रालय के महत्वाकांक्षी परियोजना के अंतर्गत यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा प्रदान करने हेतु “अमृत भारत स्टेशन” योजना के अंतर्गत स्टेशनों के पुनर्विकास के कार्य किए जा रहे हैं। इसी क्रम में बिलासपुर रेलवे स्टेशन को लगभग 392 करोड़ रुपए की लागत से पुनर्विकसित किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य यात्री सुविधाओं को उन्नत करना, भीड़ प्रबंधन में सुधार लाना और स्टेशन परिसर को आधुनिक बनाने के साथ-साथ इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाना है। पुनर्विकास के तहत बेहतर प्रतीक्षालय, अत्याधुनिक सुरक्षा व्यवस्था, स्वच्छता और हरित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
बिलासपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के अंतर्गत बिलासपुर स्टेशन की पुरानी बिल्डिंग को संरक्षित करते हुए पुनर्विकास की योजना बनाई गई है। यह परियोजना स्टेशन की मौजूदा संरचना को बनाए रखते हुए नए सुविधाओं को जोडऩे पर केंद्रित होगी। बिलासपुर रेलवे स्टेशन की पुरानी बिल्डिंग का ऐतिहासिक महत्व छत्तीसगढ़ राज्य और भारतीय रेलवे के विकास के संदर्भ में बेहद खास है। इसका निर्माण 19वीं शताब्दी के दौरान हुआ था, जब रेलवे नेटवर्क का तेजी से विस्तार किया जा रहा था। यह स्टेशन न केवल यातायात का एक प्रमुख केंद्र था, बल्कि इस क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐतिहासिक धरोहर के रूप में इस स्टेशन के महत्व को देखते हुए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा इसे संरक्षित रखने और पुनर्विकास के माध्यम से इसकी विरासत को बनाए रखने की पहल की गई हैं ताकि यह आने वाली पीढिय़ों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहे। बिलासपुर स्टेशन के पुनर्विकास का उद्देश्य यात्रियों को बेहतर सेवाएं और आधुनिक सुविधाएं प्रदान करना है, साथ ही स्टेशन की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को भी सुरक्षित रखना है। पुनर्विकास के तहत स्टेशन परिसर का विस्तार, यात्री सुविधाओं में सुधार और तकनीकी उन्नयन जैसे कार्य किए जाएंगे।
आने वाले समय में दीर्घकालिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर काँन्कोर्स में एकसाथ लगभग 800 यात्रियों के बैठने के लिए वेटिंग एरिया का प्रावधान, 1150 से अधिक वाहनों के लिए लगभग 28 हजार वर्ग मीटर पार्किंग एरिया का प्रावधान, बेहतर भीड़ प्रबंधन हेतु स्टेशन में प्रवेश एवं निकास के अलग-अलग मार्ग का प्रावधान, 03 नए फुट चौड़े ओवरब्रिज का प्रावधान किया गया है जिसमें दो स्टेशन प्रवेश के लिए तथा एक स्टेशन से निकास के लिए होगा। 6051 वर्ग मीटर का काँन्कोर्स का प्रावधान किया गया है, जिसमें 1700 वर्ग मीटर का कमर्शियल एरिया होगा, जिसमें व्यवसायिक प्रतिष्ठान एवं दुकाने होगी। बुजुर्गों तथा दिव्याङ्ग यात्रियों की विशेष सुविधा के लिए 30 लिफ्ट एवं 22 एस्केलेटर बनाए जाएंगे जिससे यात्रियों को एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म जाने में आसानी होगी। पार्सल सर्विस मूवमेंट को यात्री आवागमन एरिया से अलग रखा जाएगा जिससे यात्रियों को असुविधा न हो।
पर्यावरण संरक्षण के लिए क्लीन एनर्जी के महत्व को रेखांकित करते हुए स्टेशन की छतों पर 20500 वर्ग मीटर में 1200 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया जाएगा। जल संरक्षण के दृष्टिगत स्टेशन भवन के 16 पिट्स में 97 हजार लीटर क्षमता के रेन वाटर हार्वेस्टिंग व इमरजेंसी पावर बैक-अप के साथ फायर फाइटिंग स्थापित किए जाएंगे। यात्रियों को दी जाने वाली जरूरी सुविधाओं में खान-पान, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट, वॉशरूम, कवर शेड, स्टैंडर्ड साइनेज तथा दिव्यांगजन फ्रेंडली सुविधाएं आदि शामिल है।
बिलासपुर स्टेशन को विश्वस्तरीय रूप देते हुए ग्रीन स्टेशन का रूप दिया जा रहा है, जहां प्राकृतिक रौशनी और वेंटिलेशन का प्रावधान होगा। पुनर्विकास के बाद बिलासपुर स्टेशन हाईटेक यात्री सुविधाओं के साथ टेक्नोलॉजी, स्थानीय संस्कृति और समृद्ध विरासत का आकर्षक केंद्र बनेगा। यात्रियों की संख्या बढऩे के साथ-साथ रोजगार बढऩे की व्यापक संभावना विकसित होगी जिसका लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा। यह स्टेशन इस क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ व्यापार एवं पर्यटन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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