बीजापुर। बस्तर संभाग के अंदरूनी ग्रामीण इलाके के बेदरे कन्या छात्रावास में रह रही दूसरी कक्षा की छात्रा सुखमती कुरसम की मलेरिया से मौत हो गई है। छात्रा की मौत पर अधीक्षिका पर लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है। विदित हो कि पिछले महीने 12 जुलाई से 14 जुलाई के बीच मलेरिया से पीडि़त दो मासूम बच्चियों की मौत हुई थी। इसके बाद छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री को बीजापुर जाना पड़ा था। इस घटना के बाद एक बार फिर 7 साल की बच्ची की मौत से अंदरूनी इलाकों के छात्रावासों के हालात और छात्रावास प्रबंधन की जवाबदारियों पर सवाल खड़ा कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 7 वर्षीय सुखमती कुरसम कन्या छात्रावास में रहकर पढ़ रही थी। पिछले चार दिनों से वह बीमार थी। लेकिन छात्रावास अधीक्षिका कमला ताडो ने बच्ची की बीमारी को गंभीरता से नही लिया। ऐसे में बच्ची की जब हालत गंभीर हो गयी, तब अधीक्षिका ने उसके परिजनों को इस बात की जानकारी दी गयी। बताया जा रहा है कि बीमार बच्ची को लेकर परिजन आनन फानन में अस्पताल लेकर जाने के लिए रवाना हुए थे। लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। छात्रा के परिजनों का आरोप है कि उन्हें छात्रा की बीमारी के बारे में देर से सूचित किया गया, जिससे ईलाज में देरी हुई। जब परिजनों ने बच्ची को ईलाज के लिए ले जाने का प्रयास किया, तो बीच रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।
सहायक आयुक्त डॉ. आंनद ने बताया कि उन्हें भी इसकी जानकारी मिली है, विभाग की ओर से दो टीम बनाकर घटना की जांच के लिए रवाना किया गया। बेदरे में नेटवर्क की समस्या है, इस कारण वहां की अधिक्षिका से संपर्क नही हो पा रही है। टीम के आने के बाद ही छात्रा की मौत के कारण का पता चल पाएगा।
बेदरे कन्या छात्रावास की दूसरी कक्षा में अध्यनरत छात्रा की मलेरिया से हुई मौत
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