सुकमा । जिले में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत व कोंटा क्षेत्र में सक्रिय पांच महिला नक्सलियाें सहित 11 नक्सलियों जिसमें एक लाख की इनामी नक्सली गोलापल्ली एलओएस सदस्य सोड़ी भीमे पिता सोड़ी सोमा, रासातोंग पंचायत डीएकेएमएस सदस्य पोड़ियाम हुंगा पिता स्व. एर्रा, रासातोंग पंचायत केएएमएस सदस्य मड़कम पिता भीमा शामिल हैं। इनके साथ ओयाम जोगी पति ओयाम हुंगा, अरलमपल्ली पंचायत स्कूल कमेटी अध्यक्ष दूधी हांदा पिता हड़मा, पालाचलमा पंचायत मिलिशिया सदस्य पदाम कोसी पिता पदाम केशा, अरलमपल्ली आरपीसी डीएकेएएमएस उपाध्यक्ष मड़कम देवे पिता स्व. हिड़मा, कोराजगुड़ा आरपीसी मिलिशिया सदस्य माड़वी सन्ना पिता देवा, वेट्टी भीमा पिता देवा, वेक्को आयता पिता हुंगा, दुलेड़ आरपीसी मिलिशिया सदस्य मड़कामी बुधु पिता जुन्नू ने आत्मसमर्पण कर दिया है। इन्हें ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन व पुनर्वास नीति’ से सहायता राशि व अन्य सुविधाएं दी जाएंगी।
धुर नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के अंदरूनी क्षेत्र में नक्सली बंदूक के जोर पर आदिवासियों पर दबाव बनाकर संगठन में भर्ती कर लेते हैं। गांव के भोले-भाले जनजातीय समुदाय के लोगों को भ्रमित कर उन्हें बंदूक थमा देते हैं। अब सुरक्षा बल के बढ़ते प्रभाव के कारण नक्सली बैकफुट पर हैं और इससे अंदरूनी क्षेत्र के जनजातीय समुदाय में समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का साहस मिल रहा है। पुलिस के अनुसार सुकमा जिले में इस वर्ष 2024 में अब तक 200 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार नये कैंपों की स्थापना और आपरेशन के बाद नक्सली बैकफुट पर है। पूवर्ती, दुलेड़ जैसे सुदूर क्षेत्रों में सुरक्षा बल ने कैंप स्थापित किए हैं। इन कैंपों से लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके साथ ही नीयद नेल्ला नार योजना और सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम से ग्रामीणों का भरोसा सुरक्षा बल पर बढ़ा है।
पांच महिला नक्सलियाें सहित 11 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
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