केंद्रीय नेतृत्व व मुख्यमंत्री साय चाहेंगे तो वे मंत्रिमंडल में हो सकते हैं शामिल – देव

00 जिस सोच के साथ गौठान योजना को कांग्रेस ने लाया था, उतनी ही तत्परता के साथ उस पर क्रियान्वयन नहीं हुआ
00 महापौर चुनाव का फैसला जनता करेंगे या पार्षद मंत्रिमंडलीय के साथ बैठकर मुख्यमंत्री लेंगे इस पर निर्णय
रायपुर। गौठान और रोका-छेका योजना का अमल नहीं होने के कारण मवेशियों की हो रही मौत से जुड़े एक सवाल के जवाब में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री देव ने शुक्रवार को पत्रकारवार्ता में कहा कि गौठान योजना को लेकर कांग्रेस व उसकी पिछली सरकार की गंभीरता को जनता ने 5 वर्षों में ही देख लिया है। योजना बनाना एक अलग विषय है, उस योजना का नाम रखना भी अलग विषय है, लेकिन उसकी क्रियाविधि की दिशा में एक अलग योजना बनानी होती है। जिस सोच के साथ व्यापक पैमाने पर गौठान योजना को लाया गया था, कांग्रेस की सरकार में उतनी ही तत्परता के साथ उस पर क्रियान्वयन नहीं हुआ। भाजपा ने तो इस विषय पर आंदोलन भी किया था, प्रत्येक गौठानो का निरीक्षण किया और इस बात को प्रतिपादित भी किया कि इस योजना में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। गौठान योजना राज्य सरकार की योजना थी, उसमें डीएमएफ और पंचायत का पैसा इन्वाल्व करके उस योजना को कितना दूर तक ले जा सकती थी? दरअसल भूपेश सरकार को तो उसमें बजट प्रावधान करके इस योजना के लिए बहुत अच्छा संकल्प पारित करना चाहिए था लेकिन उसमें कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार फेल हुई है, क्योंकि उद्देश्य भ्रष्टाचार करना था जनहित नही।
देव ने निगम-मंडलों और मंत्रिमंडल के पुनर्गठन से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए कहा कि निगम-मंडलों में नियुक्तियों का विषय नितांत रूप से मुख्यमंत्री का है और निश्चित रूप से मुख्यमंत्री श्री साय इस पर विचार विमर्श कर रहे हैं और शीघ्र ही इसका कुछ-न-कुछ निर्णय होगा। प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल के पुनर्गठन और स्वयं को मंत्री बनाए जाने की चल रही सियासी अटकलों से जुड़े एक सवाल के जवाब में श्री देव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में स्वस्थ लोकतांत्रिक और स्पष्ट प्रक्रिया है कि किस कार्यकर्ता को कौन-सी जवाबदारी देना है? कौन किस दायित्व पर जाएगा? कौन सरकार का अंग बनेगा और कौन संगठन का अंग बनेगा, इसका निर्णय करने के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व टोली है। मंत्रिमंडल का विस्तार भी जल्द होगा। यह मुख्यमंत्री श्री साय का विषय है।
उन्होंने नगरीय निकाय चुनाव प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष को लेकर किए गए प्रश्न पर कहा कि जो जनता के हित में हो, जो सर्व सुविधाजनक हो, परिणामदायक हो, परिणाममूलक हो। पहले चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होता था। महापौर व अध्यक्ष का चुनाव जनता करती थी। बीच में 5 वर्षों में कांग्रेस ने इसे बदल दिया, जिसमें पार्षदों के माध्यम से महापौर व अध्यक्ष का चुनाव किया जाता था। जनता द्वारा सीधे चुने जाने का असर अलग होता है और पार्षदों द्वारा चुनाव करने का असर अलग होता है और दोनों के अलग-अलग परिणाम होते हैं। अब मुख्यमंत्री श्री साय अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ बैठकर इस पर निर्णय लेंगे।
पत्रकार वार्ता के दौरान रायपुर शहर भाजपा जिला अध्यक्ष जयंती पटेल, प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल, अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम मौजूद रहे।