नियमविरुद्ध तरीके से मनोज कोशले को मिला मुख्य विद्युत निरीक्षक का प्रभार , पिछली सरकार के अधिकारी मौज में ,
नियमविरुद्ध तरीके से मनोज कोशले को मिला मुख्य विद्युत निरीक्षक का प्रभार , पिछली सरकार के अधिकारी मौज में ,
रायपुर : – तत्कालीन सरकार में कुछ ऐसे अधिकारी रहे है जिनकी सरकार में जमकर तूती चला करती थी उन अधिकारियो की सत्ता बदलने के बाद भी मौज में कोई कमी नही आई बल्कि उन्हें नियमविरुद्ध तरीके से मुख्य विद्युत निरीक्षक का प्रभार सौंपा जा रहा है .
तत्कालीन भुपेश शासन काल मे भर्राशाही का आलम इस कदर हावी था कि योग्य अधिकारियों को किनारे लगाकर अपने चहेतों को आगे बढ़ाया गया इसी की बानगी है मनोज कोशले की नियुक्ति दरअसल तत्कालीन उर्जा सचिव ने बिना मंत्री के अनुमोदन के विद्युत निरीक्षक कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार करते हुए नियमो को ठेंगा दिखाते हुए सीएसईबी में प्रतिनियुक्ति पर मंत्रालय में तैनात इंजीनियर मनोज कोशले को उपसचिव ऊर्जा नामित करके मुख्य विद्युत निरीक्षक पद का प्रभार दे दिया .
यह प्रभार तब दिया गया जब मनोज कोशले कार्यपालन अभियंता यानी इंजीनियर के पद पर थे महज नौ माह पूर्व ही अधीक्षण अभियंता के पद पर इन्हें पद्दोनती मिली मगर विद्युत निरीक्षक का प्रभार इन्हें तत्कालीन सरकार में ही मिल गया था . इससे योग्य अधिकारियों ने खासा नाराजगी जाहिर की है .
क्या है नियम
वर्ष 2024 नवम्बर की जारी अधिसूचना के अनुसार 20 साल की सेवा देने के बाद तकनीकी अधिकारी को ही मुख्य विद्युत निरीक्षक का प्रभार दिया जा सकता है . लेकिन सभी नियम को धता बताते हुए एक अधिकारी को लाभान्वित करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से अयोग्य व्यक्ति को इस पद में बैठाया गया बता दे कि मनोज कोशले सेवा को अभी 19 वर्ष ही पुरे हुए है ऐसे में सवाल उठना लाजमी है .
सत्ता सरकार बदलती है तो कही न कही प्रशासनिक फेरबदल होना स्वाभाविक प्रक्रिया है मगर सत्ता बदलने के एक साल बाद भी इस स्वाभाविक प्रक्रियाओं को न बदलने का खामियाजा कही न कही आगामी चुनाव में देखने को मिलेगा हालात यह है कि आज भी मुख्य पदों पर तत्कालीन सरकार के अधिकारी ही बैठ के मौज मार रहे है और शासन को मुहबायें चिढ़ा रहे है और बता रहे है कि आज भी वह उतने ही ताकतवर और सत्ता बदलने से उन्हें कोई फर्क नही पड़ा .