गंभीर आरोपो में घिरे विधानसभा सचिव का बुके कैसे स्वीकार करेंगी महामहिम , ननकी राम कंवर की शिकायत पर राष्ट्रपति भवन ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र

गंभीर आरोपो में घिरे विधानसभा सचिव का बुके कैसे स्वीकार करेंगी महामहिम , ननकी राम कंवर की शिकायत पर राष्ट्रपति भवन ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र

रायपुर : – भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 24 मार्च को वो छत्तीसगढ़ दौरे पर विधानसभा में होने जा रहे खास कार्यक्रम में शिरकत करने जा रही है । ये कार्यक्रम प्रदेश की स्थापना के रजत जयंती वर्ष को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। इधर प्रदेश का पूरा महकमा राष्ट्रपति के आगमन की तैयारी में लगा हुआ है वही विधानसभा सचिव पर गंभीर आरोपो पर सियासी हलचल तेज हो गई है । वही यह भी सवाल उठ रहा है कि गंभीर आरोपो में घिरे विधानसभा सचिव का बुके क्या स्वीकार करेंगी महामहिम ? बतादे कि पूर्व गृह मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता ननकी राम कंवर ने विधानसभा सचिव दिनेश शर्मा पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए देश के प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति को शिकायत की थी । उक्त शिकायत के संदर्भ में केंद्रीय सचिवालय के उपसचिव भारत भूषण ने मुख्य सचिव छतीसगढ़ शासन को पत्र लिखा है ।

लेनदेन का वीडियो : –

यह कोई पहला मामला नही है जब विधानसभा सचिव पर आरोप लगे है पहले भी दिनेश शर्मा पर नियुक्ति के लिए कथित लेन-देन का मामला भाजपा ने ही जोर-शोर से उछला था । जिसमे भाजपा की आईटी सेल से कथित लेनदेन के मामले में एक विडियो भी वायरल किया था । जिसमे विधानसभा में नौकरी लगाने के नाम पर लेन-देन की बात हो रही थी और पैसा आदान प्रदान करते हुए का वीडियो भी वायरल हो चुका है ।

कांग्रेसी कृपापात्र दिनेश शर्मा

पूर्व जेल एवं सहकारिता मंत्री रहे भाजपा के कद्दावर नेता ननकी राम कंवर ने विधानसभा सचिव पर कांग्रेसी कृपापात्र का आरोप लगाते हुए बताया कि दिनेश शर्मा वर्तमान में सचिव छ.ग. विधानसभा रायपुर के पद पर पदस्थ है ये मूलतः जांजगीर जिला – जांजगीर चाम्पा के रहने वाले हैं इनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि कांग्रेस पार्टी समर्पित रही है । दिनेश शर्मा का खुद भी कांग्रेस पार्टी की तरफ विशेष लगाव रहता है । यही कारण है कि श्री शर्मा कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं के विशेष महत्व एवं सुविधाएं देने की मंशा रखते है ।

विधानसभा सचिव की नियुक्ति पर भी सवाल : –
ननकी राम कंवर ने दिनेश शर्मा की नियुक्ति पर भी गंभीर सवाल उठाया है उन्होंने बताया कि दिनेश शर्मा वर्ष 1985-86 में एक विश्वविद्यालय में फोर्थ क्लास कर्मचारी थे और आज वही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विधानसभा में बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे है । वर्ष 1987 में इनकी नियुक्ति सीधी भर्ती के माध्यम से द्वितीय श्रेणी राजपतित्रत के रूप में म.प्र. विधानसभा में हुई थी । उस समय म.प्र. में कांग्रेस सरकार थी और स्व. श्री मोतीलाल वोरा जी मुख्यमंत्री एवं स्व. राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला जी विधानसभा अध्यक्ष हुआ करते थे । इनकी कृपा से दिनेश शर्मा की नियुक्ति हुई थी इसके बाद 1993 से आज पर्यन्त तक डॉ. चरणदास महंत जो कि कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता है उनकी निजी स्थापना में लगातार उनके अत्यंत विश्वसनीय व्यक्ति के रूप में 1993 से 1995 तक वाणिज्य कर राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार , 1995 से 1998 तक गृह एवं जनसंपर्क मंत्री रहे तथा 2011-2013 तक कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग विभाग केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में थे । जब 2018 में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आई तो विधानसभा अध्यक्ष के निजी स्थापना एवं अत्यंत विश्वसनीय व्यक्ति के रूप में डॉ. चरण दास महंत विधानसभा अध्यक्ष के यहां दिनेश शर्मा कार्य किये है ।

क्या विधान सभा अध्यक्ष करेंगे कार्रवाही

सवाल लोकतंत्र के स्तम्भ विधायकी पर लग रहा है जिसकी अपनी विश्वसनीयता है ऐसे में क्या विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह उक्त गंभीर मामले की संवेदना को समझते हुए कार्रवाही करेंगे या इन्हे अभयदान दे दिया गया है । सवाल महामहिम की प्रतिष्ठा का भी है क्या देश की राष्ट्रपति ऐसे विवादित भ्रष्टाचार में लिप्त विधानसभा सचिव के हाथों बुके स्वीकार करेंगी ?

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