00 अपनी असफलता को छुपाने के लिए गलत बयानी कर रहा प्रशासन
00 डॉक्टर गुप्ता ने रायपुर जिला प्रशासन से पूछे कई सवा
रायपुर। ध्वनि प्रदूषण को लेकर जिला प्रशासन की असफलता पर रायपुर के ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश गुप्ता ने कई प्रश्न उठाए हैं। डॉ गुप्ता ने बताया कि उन्हें एक डीजे संचालक ने जान से मारने की धमकी दी जिसकी लिखित शिकायत कल उन्होंने रायपुर जिला पुलिस अधीक्षक को व्यक्तिगत रूप से मिलकर लिखित में की। उसके बावजूद भी आज कुछ समाचार पत्रों में एसपी का बयान छपा है कि एसपी साहब को शिकायत की जानकारी नहीं है। डॉक्टर गुप्ता ने पूछा है की 24 घंटे गुजर गए एफ.आई.आर. तो दर्ज नहीं कराई गई और गलत बयानी क्यों कर रहा है प्रशासन? डॉ गुप्ता ने चुनोती दी कि एसपी ऑफिस का विडियो रिकॉर्डिंग देखी जा सकती है जो कि प्रमाण है कि वो एसपी से मिले थे। उन्होंने पूछा प्रशासन डीजे संचालक पर कार्यवाही करने से क्यों बच रहा है?
डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के तारतम्य में राज्य शासन द्वारा जारी किए गए आदेश के बाद वाहनों पर स्पीकर रखकर बजाना प्रतिबंधित किया जा चुका है। परंतु अब गणेश पंडाल वाले सड़कों पर डीजे और डीजे की तेज लाइट लगाकर घंटे डीजे बजा रहे हैं। शिकायत करने के बाद भी प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं करता। कल रात को शंकर नगर चौक में 7 बजे से यंग हिंदू गणेश उत्सव समिति द्वारा 10 बजे तक सड़क पर रखकर डेढ़ सौ डेसीबल पर डीजे बजाए गए। वहां ट्रैफिक में फंसे लोग फोटो भेज कर फोन करते रहे। कॉल सेंटर में शिकायत करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। रात 10 बजे पुलिस पहुंची परंतु दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं की, ना ही डीजे जप्त किये जो की प्रशासन की मिलीभगत बताता है। डॉक्टर गुप्ता ने मांग की की यंग हिंदू गणेश उत्सव समिति के सभी सदस्यों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता के तहत तत्काल कार्यवाही की जावे। डॉ गुप्ता ने चेताया कि निवासों के सामने गणेश पंडालों में बजने वाले कानफाडू साउंड स्पीकर पर अगर नियंत्रण नहीं किया गया तो हथखोज में जैसी आत्महत्या की घटनाए हुई है वैसी रायपुर शहर में भी होगी जिसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा।
डॉक्टर गुप्ता ने बताया कि पुलिस अधीक्षक ने उच्च न्यायालय में छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति द्वारा दायर याचिका के दौरान शपथ पत्र दिया था कि कुछ लोगों के विरुद्ध हाई कोर्ट के आदशानुसार, हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करने पर अवमानना की कार्यवाही की जावेगी। परंतु अभी तक यह कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? उल्लेखनीय है कि यंग हिंदू गणेश उत्सव समिति शंकर नगर के विक्की शादीजा और अन्य लोगों के नाम शपथ पत्र के माध्यम से पुलिस अधीक्षक ने में कोर्ट को बताए थे।
डॉक्टर गुप्ता ने पूछा कि 2022 में गृह विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने समस्त कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को आदेशित किया है कि बिना अनुमति के कोई भी पंडाल सड़क पर ना लगे। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने रायपुर शहर में एक भी अनुमति गणेश पंडाल लगाने और स्वागत द्वार लगाने के लिए नहीं दी। जिला प्रशासन को बताना चाहिए कि जब उन्होंने अनुमति नहीं दी तो रायपुर शहर में सैकड़ों पंडाल सड़कों पर लगकर यातायात व्यवस्था को ध्वस्त क्यों कराया गया? इससे अनावश्यक वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण भी जनता को मजबूरीवश सहना पड़ा। जबकी एनजीटी ने लिए छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति की याचिका में जनता को होने वाले कष्ट को देखते हुए आदेशित कर रखा है कि रायपुर शहर की सडकों पर पंडाल और स्वागत द्वार लगते पाये जाने पर उसे तत्काल हटाना है। डॉ गुप्ता ने पुछा कि प्रशासन एनजीटी के आदेश का पालन क्यों नहीं करना चाहता?
ध्वनि प्रदूषण: जिला प्रशासन का यही रवैया रहा तो हथखोज के समान आत्महत्या की घटनाएं रायपुर में भी होगी
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