कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों पर 14 वें दिन भी अभियान जारी, केंद्र-राज्य के सख्त रुख से शांतिवार्ता की मुहिम शांत पड़ी

बीजापुर। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों के आस- पास देश का सबसे बड़ा नक्सल विराेधी अभियान का आज 14 वां दिन चल रहा है। सुरक्षाबलों के इस जमावड़े ने इसी पहाड़ी पर बड़े कैडर्स के नक्सली घिरे हाेने की संभावना हैं । नक्सली नीचे सुरक्षाबलाें के 24 हजार जवानों की मौजूदगी के चलते नक्सली ना तो उतरकर भाग पा रहे हैं और ना ही ज्यादा दिन पहाड़ी के ऊपर रह पाएंगे। तेलंगाना पुलिस के हांथ खड़े करने के बाद, इस इलाके से बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद काे साकार करने के लिए झारखंड से सीआरपीएफ की टुकड़ियां बुलाई गई हैं । इसी बीच आज साेमवार काे सर्चिंग के दौरान एसटीएफ के 2 जवान नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेसर आईईडी विस्फाेट की चपेट में आने सेघायल हाे गये हैं।
वहीं दूसरी ओर नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे सबसे बड़े नक्सली विराेधी अभियान को रोककर शांतिवार्ता के लिए नक्सलियाें द्वारा लगातार जारी पर्चे काे लेकर तेलंगाना और आंध्रा से चली मुहिम अब शांत पड़ गई है । माना जा रहा है कि केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार के सख्त रुख के चलते तेलंगाना और आंध्रा के कथित सामजिक कार्यकर्ता एवं नेताओं ने अब इस दिशा में पहल करनी छोड़ दी है । छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेता भी अब इस आपरेशन को लेकर सरकार के सुर में सुर मिलाते दिख रहे हैं । माना जा रहा है कि, केंद्र के सख्त रुख और नक्सल समर्थक का लेबल लगने से बचने के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने अपने आंध्र-तेलंगाना के नेताओं को शांति वार्ता के लिए की जा रही कवायद के साथ खड़े हाेने के निणर्य का मैसेज भेजा है।
पुलिस सूत्राें से मिली जानकारी के अनुसार सुरक्षाबलों के लगभग 24 हजार जवानों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी को चारों ओर से घेर रखा है। इसके लिए इतनी बड़ी संख्या में तैनात जवानों के लिए राशन-पानी लगातार हेलिकॉप्टर से भेजा जा रहा है। इलाके की लगातार 14 वे दिन भी पहाड़ी के चप्पे-चप्पे का सर्चिंग अभियान जारी है । सुरक्षाबलों के इस जमावड़े से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि देश का सबसे बड़ा नक्सल विराेधी अभियान अभी और लम्बा खिंच सकता है। बताया जा रहा है कि, बड़े नक्सली कैडर्स 4 महीने का राशन लेकर कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों पर चढ़े हैं । माना जा रहा है कि अभी भी नक्सलियाें के पास लगभग 20-25 दिनों का राशन नक्सलियों के पास बचा होगा । कर्रेगुट्टा के पहाड़ को जवानों के द्वारा चारों ओर से घेर लिए जाने के कारण उतरकर भाग निकलने में नक्सली सफल नहीं हो पा रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *