शक्ति : – सरपंच की दंबगई से ग्रामीण हलाकान , निस्तारी चारागाह की जमीन में राखड़ माफियाओं का आतंक ,

शक्ति : – सरपंच की दंबगई से ग्रामीण हलाकान , निस्तारी चारागाह की जमीन में राखड़ माफियाओं का आतंक ,
सक्ति : – शक्ति जिले के ग्राम कचंदा में सरपंच की दंबगई इस कदर हावी है कि ग्रामीणों की निस्तारी गौठान और चारागाह की जमीन पर राखड़ माफ़ियाओ की नजर लग गई है ग्रामीण बताते है कि उनकी निजी कृषि भूमि में अवैध डंपिंग से जमीने बंजर करने का प्रयास किया जा रहा है . यही नही इस पॉवर प्लांट से निकलने वाले इस जहरीले अवैध डंपिंग से ग्रामीणों का जीना मुहाल हो गया है राखड़ से उड़ती धूल और ड़ष्ट से ग्रामीणों में अनेक तरह बीमारियां फैलने लगी है अब तो ग्रामीणों का सांस लेना भी दुभर हो गया है .
ग्राम कचन्दा के ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में सरपंच विमला चौहान है जो अपनी दबंगई दिखलाते हुए शासकीय जमीन खसरा नंबर 887/1 (क) पर बिना किसी अनुमति के फ्लाई ऐश और पॉवर प्लांट से निकलने वाले जहरीले राखड़ की डंपिंग करा रही है . यहाँ बिना किसी अनुमति के ट्रांसपोर्टर प्रशासन और सरपंच की सांठगांठ से हजारों मीट्रिक टन राखड़ डंपिंग किया जा रहा है ग्रामीण जब इसका विरोध करते है तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी जाती है
ग्रामीणों ने बताया कि इसके पूर्व में भी सरपंच द्वारा गांव के निर्मित स्टेडियम में फ्लाई ऐश डंप कराकर पूरे स्टेडियम को नष्ट कर दिया गया . इस अवैध डंपिंग से स्टेडियम से लगी किसानों की जमीन खेत पूरी तरह से बर्बाद हो गए जहाँ दूर दूर तक राखड़ की जहरीले उड़ती धूल नजर आती है . किसान इन जमीनो में अब खेती भी नही कर पा रहे है .
मामले को लेकर ग्रामीण जिला कलेक्टर से लेकर तमाम आला अधिकारयों के न्याय की गुहार लगा रहे है मगर इन बेबस ग्रामीणों की सुध लेने वाला कोई नही है अफसर भी कुम्भकर्णीय नींद में होए अपने हिस्से की रकम लेकर शांति से ग्रामीणों की बेबसी पर हंस रहे है .
मामले में अधिवक्ता विजय मिश्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है और पर्यावरण को बचाये जाने की बात कही है अधिवक्ता विजय मिश्रा ने बताया कि यह ग्रामीणों की निजी कृषि भूमि के साथ साथ चारागाह और गौचर की भूमि है जहाँ करीब 2 लाख टन राखड़ डंप किया गया है इस जहरीली राखड़ से ग्रामीण ही नही पर्यावरण को भी खासा नुकसान पहुचाया जा रहा है . यह उड़ती जहरीली धूल अब ग्रामीणों की मौत का कारण बन रही है .