लक्ष्मीपुत्र दलाल पर मंत्री की वक्र दृष्टि , होने लगा सत्यानाश
रायपुर : – लक्ष्मी की कृपा रही तो सब काम सफल होंगे इस सूत्र वाक्य के साथ चलने वाले राजधानी में ऐशर्य के साथ रहने वाले लक्ष्मीपुत्र पर एक मंत्री की वक्र दृष्टि पड़ गई है और उसके सारे बने हुए काम बिगड़ रहे हैं . पिछले आठ माह में इस दलाल ने प्रदेश के दो दिग्गज मंत्री से साठगांठ कर दलाली का बड़ा खेल खेलने की पूरी तैयारी कर ली थी पर प्रदेश के एक युवा मंत्री जिनका दबदबा रायपुर से लेकर नई दिल्ली तक है ने सब कुछ सत्यानाश कर दिया।
दिसंबर में जब राज्य में नई सरकार के सत्तारूढ़ आते ही यह लक्ष्मीपुत्र दलाल सक्रिय हो गया। इस दलाल ने प्रदेश के एक दिग्गज मंत्री को लक्ष्मी की मोह-माया दिखाकर उनके एक विभाग के तबादला का ठेका ले लिया। सौदे की आधी राशी का अग्रिम भुगतान कर दिया जो करोड़ों रूपए था। सौदा तय होने और करोड़ों रूपए मिल जाने के बाद जंबो तबादला सूची तैयार कर अनुमोदन के लिए भेज दिया। भारी भरकम सूची को देखकर मंत्रालय से लेकर सीएम हाऊस तक सुगबुगाहट होने लगी। इसकी खबर हाईकमान के निकटतम मंत्री तक पहुंच गई। उन्होंने जब इसकी तहकीकात कराई तब उन्हें सारा माजरा समझ में आ गया और उन्होंनें तबादला सूची वाली फाइल की गति पर रोक लगवा दी और इसकी जानकारी दिग्गज मंत्री के पास पहुंची तो उन्होंने तबादला सूची के अनुमोदन के लिए दबाव बनाया पर बात बनी नहीं। इस बीच लोकसभा चुनाव का आचार संहिता लग जाने के कारण तबादला सूची अटक गई। अग्रिम पैसा देने के बाद भी काम नहीं होने पर यह दलाल बेचैन हो गया और वह मंत्री से सौदे की अग्रिम राशी वापस मांगने लगा। इसको लेकर दोनों के बीच मनमुटाव हो गया। मंत्री ने इस दलाल को अपने बंगले में घुसने पर रोक लगा दिया और अपने मातहतों को निर्देशित किया कि उससे किसी भी प्रकार से संवाद न करें।
एक मंत्री से झटका खाने और करोड़ों रूपए डूब जाने के बाद इस दलाल ने प्रदेश के कद्दावर आदिवासी मंत्री को वाल्वो कार उपहार में देकर ट्यूनिंग बिठाया। मंत्री के विभाग में होने वाली समानों की सप्लाई के काम को ठेके में ले लिया। इसके लिए दलाल ने मंत्री को पेशगी के तौर पर पांच करोड़ रुपए दिए। और इस दलाल ने मंत्री के विभाग के करोड़ों रूपए के सप्लाई का काम अपने लोगों को बांट दिया। इस बीच जनसंवाद द्वारा मंत्री और दलाल के गंठजोड़ का खुलासा किया तो प्रदेश में चल रही दलाली का हल्ला मचा और इसकी गुंज पीएमओ तक पहुंच गई। दिल्ली से जब मामले की जानकारी मांगी गई तो सरकार सक्रिय हो गई और सभी विभागों से समान की खरीदी जेम पोर्टल के माध्यम से करने का आदेश जारी कर दिया। पूर्व के जारी सारे अनुबंध को भी राज्य सरकार ने खत्म कर दिया।
यह इस दलाल के लिए दुसरा बड़ा झटका था। इसमे भी माननीय को करोड़ों रुपए जो अग्रिम दिया थे न वह वापस मिला और न ही काम। बताते है कि इस दलाल के चक्कर में कुछ और व्यापारी अपने करोड़ों रूपए गंवा डाले।
उल्लेखनीय है कि युवा और पावरफुल मंत्री के वक्र दृष्टि पड़ने के बाद से दलाल की ग्रह दशा बूरी तरह बिगड़ गई है और हालात यह हो गए है कि राज्य के बड़े अफसर और मंत्री इस दलाल से पूरी तरह से कन्नी काटने लगे है कही न कही अफसरों को भी भय है किन इस दलाल के चक्कर मे कही वही न रडार में आ जाये सूत्र बताते है राज्य के कई बड़े IAS अफसरों के पैसो को यही दलाल ही सेटल करता था आज अफसरों के हाथ पांव फूल रहे है कि उनका पैसा वापस होगा या नही .