बगुला भगत के सामने प्रदेश के मुखिया की हैसियत भी नगण्य , पद की ललक में बिखरे मंत्रियों पर ब्यूरोकेट हावी

बगुला भगत के सामने प्रदेश के मुखिया की हैसियत भी नगण्य ,

पद की ललक में बिखरे मंत्रियों पर ब्यूरोकेट हावी

रायपुर : – प्रदेश में इन दिनों एक ही सवाल है जो चर्चा का विषय बना हुआ है आखिर प्रदेश की सरकार किसके इशारों में चल रही है यह सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि नौ माह पहले बनी भाजपा सरकार आज हर मामले में कटघरे में है। नौ माह पहले सत्ता में वापसी को लेकर वर्तमान सरकार बिल्कुल भी आश्वस्त नही थी। केंद्रीय नेतृत्व की सटीक रणनीति और शानदार मैनेजमेंट का जादू चला और भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में काबिज हुई और एक आदिवासी नेता के हाथ में कमान सौंपी गई।

कुर्सी बचाने के चक्कर में बिखरे मंत्रियों पर ब्यूरोकेट हावी

केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश में शानदार जीत के बाद एक नई नीति अपनाते हुए नए चेहरों को तरजीह देते हुए मंत्रिमंडल का गठन किया। अनुभव की कमी कहिए या वरिष्ठजनों की नाराजगी वजह चाहे जो हो मगर यह खिंचातनी इतनी बढ़ गई कि ब्यूरोकेट सत्ता पर हावी हो गया। ब्यूरोकेट का केंद्र बिंदु हाउस में बैठा है जो बगुला भगत के नाम से विख्यात है। बताते हैं कि इस बगुला भगत ने अपनी धूर्तता और चालाकी से पूरे तंत्र पर कब्जा जमा लिया है। नए नवाड़े मंत्री अचानक मिले इतने बड़े उपहार से मदमस्त हो गएं हैं और इनका पूरा फोकस कुर्सी बचाने और अपना चेहरा चमकाने के लिए रील बनाने में लगा हुआ है इसका पूरा फायदा बगुला भगत उठा रहा है।

सत्तापक्ष के तेज-तर्रार और कद्दावर पूर्व विधायक ब्यूरोकेट से लगा रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की गुहार

वर्तमान में सरकार की हालात क्या है उसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी के तेज-तर्रार नेता भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश के मुखिया के बजाए ब्यूरोकेट से गुहार लगा रहे है। पिछली सरकार में विधान सभा में भ्रष्टाचार और जनहित के मुद्दे पर बड़े-बड़े मंत्री को नतमस्तक करा देने वाले अकलतरा के पूर्व विधायक सौरभ सिंह अपने विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत प्रदेश के मुखिया से करने के बजाए ब्यूरोकेट के समक्ष गिड़गिड़ाते नजर आ रहेहैं। सौरभ सिंह ने पत्र लिखकर बताते है कि किस तरह उनके विधान सभा क्षेत्र में किस कदर भ्रष्टाचार हो रहा है।

सवाल यह है कि सत्ताधारी पार्टी के पूर्व विधायक सौरभ सिंह को अपने क्षेत्र की समस्याओं और भ्रष्टाचार के लिए सत्ता में बैठे राजनैतिक नेतृत्व को लिखने की बजाए यदि ब्यूरोकेट को पत्र लिखना पड़ रहा है तो समझा जा सकता है कि हालात क्या है। पूर्व विधायक का पत्र बताता है कि प्रदेश के मुखिया और मंत्रियो के ऊपर भी अगर कोई है तो वह मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत है ।

वर्तमान हालात को देखकर लगता कि शासन-प्रशासन के शीर्ष में बैठे लोगों की यादाश्त बहुत कमजोर है । नौ माह पूर्व हुए चुनाव में भ्रष्टाचार और सुपर सीएम के चक्कर में सारे तिकड़म लगाने के बाद भी कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ी थी और प्रशासन व पार्टी के अनेक दिग्गजों को जेल के सलाखों के पिछे जाना पड़ा था .

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *