शराब घोटाले मामले में शहर के दो कारोबारियों के यहां ईडी की टीम पहुंची

रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुए अब तक के सबसे बड़े शराब घोटाले मामले की पड़ताल जारी है,जहां पर किसी की गिरफ्तारी हुई और पूछताछ के बाद जानकारी मिली तो ईडी का शिकंजा संबंधित व्यक्ति तक कस जाता है। धनतेरस के दिन सुबह सुबह राजधानी रायपुर के दो कारोबारियों के ठिकानों पर ईडी की टीम ने धावा बोला,तो शहर में फिर चर्चा छिड़ गई। अशोका रतन निवासी एक बार कारोबारी और सूर्या अपार्टमेंट कटोरातालाब में एक अन्य कारोबारी के ठिकाने में जांच चल रही है। छत्तीसगढ़ के साथ झारखंड को भी जोड़ दें तो छापे अधिकारी, कारोबारियों के दर्जन भर ठिकानों पर चल रहे हैं। इनमें झारखंड के पूर्व उत्पाद (आबकारी) सचिव आईएएस विनय चौबे, और संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह से जुड़े रांची और रायपुर के करीबी कारोबारी शामिल हैं।
उधर भिलाई कुम्हारी स्थित शराब कंपनी केडिया ग्रुप के उदय राव को भी घेरा गया है । राव, के बारे में पता चला है कि वह झारखंड में प्लेसमेंट कंपनी चलाता था। यह कंपनी, शराब दुकानों के लिए सेल्समेन, सुपरवाइजर, सुरक्षा गार्ड जैसे कर्मचारी नियुक्ति करती थी,फिर शुरु होता था इन्ही के सहारे हेराफेरी का खेल। जानकारों का कहना है कि नकली होलोग्राम बनाने वाली कंपनी प्रिज्म होलोग्राफिक प्राइवेट लिमिटेड के दो दिन पहले गिरफ्तार एकाउंटेंट से हुई पूछताछ के बाद यह छापेमारी की गई है।
यहां यह बताना भी जरूरी होगा कि शराब घोटाले का यह मामला छत्तीसगढ़ और झारखंड दोनों राज्यों से जुड़ा है। इसे लेकर छत्तीसगढ़ के एंटी करप्शन ब्यूरो और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने पिछले महीने सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसमें झारखंड के एक्साइज डिपार्टमेंट के तत्कालीन सचिव विनय चौबे और संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह सहित सात लोगों को आरोपी बनाया गया था। एफआईआर में कहा गया है इन लोगों ने मिलकर कथित तौर पर झारखंड की शराब नीति में हेरफेर की और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया।

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