बीजापुर। भोपालपट्टनम में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी किए गए शाला एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण आदेश के विरोध में राज्य के चार प्रमुख शिक्षक संगठनों द्वारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा का गठन कर चरणबद्ध आंदोलन के तहत आज सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम बस्तर सांसद महेश कश्यप को ज्ञापन सौपा गया। शिक्षक मोर्चा के पदाधिकारियों ने बताया कि शासन द्वारा किये जाने वाले विसंगति पूर्ण युक्तियुक्तकरण में 2008 के शिक्षक सेटअप को भी समाप्त करने का प्रयास है, शिक्षक विद्यार्थी अनुपात में कटौती किया जा रहा है जिससे सरकारी शालाओं में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सम्भव ही नही हो पायेगा। सरकार द्वारा कार्यरत शिक्षकों को अतिशेष माना जा रहा जिससे प्रतीत होता है कि शासन नई भर्ती नही करना चाहती।
शिक्षक मोर्चा के द्वारा सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि इस स्थिति में शिक्षित और प्रशिक्षित बेरोजगार जो शिक्षक बनने के लिए बीएड, डीएड, टीईटी करके नई भर्ती की तैयारी में लगे हुए है। एक ही परिसर के शालाओ को मर्ज किए जाने से वहां कार्यरत प्राथमिक प्रधानपाठक के पद औचित्यहीन हो जाएंगे। इस तरह से जो युक्तियुक्तकरण शासन के द्वारा किये जाने की तैयारी की जा रही है। वह गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से दूर रखने की साजिश, बेरोजगारों के साथ कुठाराघात, शिक्षकों को मानिसक रूप से प्रताडि़त करने के उद्देश्य से प्रेरित लगता है। युक्तियुक्तकरण में अनेक विसंगति व्याप्त हैं जिनके विरोध में सहायक शिक्षक/समग्र शिक्षक फेडरेशन,छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसियन,शालेय शिक्षक संघ,नवीन शिक्षक संघ के संयुक्त रूप से बने शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले विरोध दर्ज किया गया।यदि सरकार इस पर विचार नही करेगी तो आने वाले दिनों प्रदेश के समस्त शिक्षक तालाबंदी कर शाला बहिष्कार करने को बाध्य होंगे।
युक्तियुक्तकरण आदेश के विरोध में शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने बस्तर सांसद को सौंपा ज्ञापन
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