मुंगेली कुसुम पावर प्लांट हादसे में प्लांट के आपरेशन मैनेजर, प्रबंधक और इंचार्ज व अन्य के खिलाफ अपराध दर्ज

00 मृतक के परिजनों की शिकायत पर हुई कार्यवाही
मुंगेली। सरगांव क्षेत्र में कुसुम प्लांट में साइलो गिरने की दुर्घटना के मामले में मृतक मजदूर के रिश्ते में मामा की शिकायत पर प्लांट के आपरेशन मैनेजर अनिल प्रसाद, प्रबंधक और इंचार्ज अमित केडिया व अन्य के विरुद्ध सरगांव पुलिस ने अपराध क्रमांक 2/2025 धारा 106(1),289,3(5) बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। रेस्क्यू कार्य अभी भी जारी है।
जिला मुंगेली थाना सरगांव क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रामबोड़ स्थित कुसुम स्मेल्टर्स प्राईवेट लिमिटेड पॉवर प्लांट में 9 जनवरी को दोपहर करीब 01 बजकर 09 मिनट में प्लांट में रखे भारी सैलो (भंडारण टैंक) अचानक गिरने से 4 व्यक्ति (प्लांट कर्मचारी) सैलो की चपेट में आने से नीचे दब गए। सूचना पर जिला कलेक्टर राहुल देव एवं पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए सूचना उपरांत तत्काल कुसुम पॉवर प्लांट पहुंचकर घटना स्थल का जायजा लेकर त्वरित पुलिस टीम, रेस्क्यू टीम, स्वास्थ्य विभाग, शासन प्रशासन के समस्त अधिकारी कर्मचारी को राहत कार्य में लगाया गया। मौके में 01 व्यक्ति को रेस्क्यू किया गया जिसे अस्पताल ले जाया गया था जिसकी ईलाज के दौरान मौत हो गई।
मृतक की शिनाख्त मनोज कुमार घृतलहरे पिता चेनाराम उम्र 30 वर्ष साकिन अमेरी अकबरी (दगोरी) जिला बिलासपुर के रूप में की गई। वहीं अवधेश कश्यप (पिता निखादराम कश्यप) निवासी तागा, जांजगीर-चांपा, प्रकाश यादव (पिता परदेशी यादव) निवासी अकोली, बलौदाबाजार तथा जयंत साहू (पिता काशीनाथ साहू) निवासी जबड़ापारा, सरकंडा, बिलासपुर शामिल है। मामले में जानकारी सामने आई कि प्रबंधन के जिम्मेदारों द्वारा सेलों टैंक में लापरवाहीपूर्वक क्षमता से अधिक मात्रा में माल भरना पाए जाने से सेलों टैंक के टूटकर गिरने से पीडि़त मनोज घृतलहरे को आई चोट से इलाज दौरान मृत्यु हो गई। मृतक के मामा की रिपोर्ट पर कुसुम प्लांट के ऑपरेशन मैनेजर अनिल प्रसाद, इंचार्ज अमित केडिया, प्रबंधक एवं अन्य के विरुद्ध अपराध क्रमांक 02/25 धारा 106(1),289,3(5) बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। वहीं मृतकों की संख्या बढ़कर चार हो गया है। उक्त सभी मृतकों के शवों को पोस्ट मार्टम के जिए सिम्स हास्पिटल बिलासपुर भेज दिया गया है। जहां मुआवजे की मांग को लेकर पीएम करने नहीं दे रहे थे। प्लांट प्रबंधन के द्वारा 1 लाख का मुआवजा दिए जाने के बाद परिजन शव लेने और अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए।
मिली जानकारी के अनुसार प्लांट के 200 कर्मचारी तथा तीन ठेका कंपनियों के 200 कर्मचारी ( कुल 400 कर्मचारी) प्लांट में काम करते हैं। जिस साइट पर यह हादसा हुआ वहां चार कर्मचारी कार्यरत थे। हादसे के वक्त लंच टाइम था। अन्यथा जान माल की और भी हानि हो सकती थी। अटेंडेंस रजिस्टर से उपस्थित कर्मचारियों की सूची लेकर जिला प्रशासन द्वारा उन्हें फोन लगाकर उनके सकुशल बाहर होने की तस्दीक की जा रही है।

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