सुकमा में एसीबी-ईओडब्ल्यू की कार्रवाई दूसरे दिन भी जारी, वन विभाग के कर्मचारियों के 7 ठिकानों पर मारा छापा

सुकमा। सुकमा जिले में एंटी करप्शन ब्यूरो(एसीबी) और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) की लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी कार्रवाई जारी है। तेंदूपत्ता बोनस में हुए भ्रष्टाचार के मामले में दोनों टीमों ने कोंटा के बाद अब दोरनापाल में वन विभाग के कर्मचारियों घर छापा मारा है। वहीं जिला मुख्यालय सुकमा में भी वन विभाग के एक प्रबंधक के घर छापामार कार्रवाई की गई है। आज शुक्रवार सुबह एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीमों ने सात स्थानों पर छापा मारा है। मिली जानकारी के अनुसार गुरूवार शाम तक चली कार्रवाई में जांच टीम ने दस्तावेज, मोबाइल, इलेक्ट्रानिक उपकरण, कई बैंक एकाउंट व निवेश से संबंधित दस्तावेज के साथ नकद राशि जब्त की है। वनमंडलाधिकारी सुकमा के कर्मचारी राजशेखर पुराणिक के निवास से 26 लाख 63 हजार 700 रुपये नकद मिले हैं।
उल्लेखनिय है कि 2021-22 में वन विभाग के लगभग सात करोड़ रुपये के तेंदूपत्ता बोनस राशि घोटाले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की संयुक्त टीमों ने गुरुवार को जिले के पूर्व विधायक व सीपीआई नेता मनीष कुंजाम सहित लघु वनोपज समिति के प्रबंधकों व वन कर्मचारियों के 12 ठिकानों में छापे मारे। मनीष कुंजाम के सुकमा और रामाराम दोनों निवास में एक साथ छापा मारा गया था। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान 2021-2022 में तेंदूपत्ता संग्राहकों को वितरित की जाने वाली राशि का गबन किया गया था। इसी मामले में आरोपित वनमंडलाधिकारी अशोक कुमार पटेल को राज्य शासन ने फरवरी में निलंबित किया है। मनीष कुंजाम ने दावा किया कि तेंदूपत्ता बोनस राशि घोटाले के वे ही शिकायतकर्ता हैं।
सुकमा के वन विभाग अधिकारी अशोक कुमार पटेल और उनके साथियों पर तेंदूपत्ता तोडऩे वाले मजदूरों के बोनस का यह घोटाला वर्ष 2021 और 2022 के तेंदूपत्ता सीजन से जुड़ा है, जिसमें लगभग 7 करोड़ रुपये की राशि संग्राहकों को दी जानी थी। अधिकारियों ने आपसी साठगांठ कर बड़ी रकम खुद रख ली और संग्राहकों तक पैसा नहीं पहुंचा। इस मामले में मनीष कुंजाम की शिकायत के बाद 8 मार्च 2025 को सुकमा डीएफओ अशोक पटेल के यहां छापेमारी के बाद भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू/एसीबी) ने अशोक कुमार पटेल और अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी की धाराओं पर 8 अप्रैल 2025 को एफआईआर दर्ज होने के बाद अब लगातार दो दिनों से छापेमारी की कार्यवाही जारी है।

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