परिवार और संतान की सुख- समृद्धि की कामना लिए महिलाओं ने मनाया आंवला नवमी

रायपुर। कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमीं तिथि पर महिलाओं ने रविवार को आंवला पेड़ की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर परिवार और संतान की सुख- समृद्धि की कामना को लेकर आंवला पेड़ के नीचे कथा सुनी और भोजन ग्रहण किया। शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में महिलाओं एवं माताओं ने बड़ी संख्या में आंवला पेड़ के पास पहुंचकर पूजा-अर्चना की। बताया जाता है कि आंवला नवमी को अक्षय नवमीं भी का जाता है।
रविवार को राजधानी रायपुर के अलावा शहर के अलग-अलग इलाकों में महिलाओं ने आंवला पेड़ के समीप एकत्रित होकर आंवला पेड़ की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर परिवार और संतान की सुख-समृद्धि की कामना की। पेड़ के नीचे पूर्व दिशा में खड़े होकर जल और दूध अर्पित करने के बाद पूजा कर पेड़ के चारो तरफ सूत लपेटकर परिक्रमा की। अंत में आंवले की आरती उतारकर परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की। महिलाएं इस व्रत को संतान का सुख प्राप्त करने और उनकी मंगलकामना के लिए करती हैं।
शास्त्रों के अनुसार अक्षय नवमी के दिन किया गया पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है । इस दिन जो भी शुभ कार्य जैसे दान, पूजा, भक्ति, सेवा आदि किया जाता है, उनका पुण्य कई-कई जन्म तक प्राप्त होता है । यह व्रत उत्तरी में भारत मनाया जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे भोजन पकाया जाता है और परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर भोजन करते हैं।

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