जिस पर लगाए करोडो के भ्रष्टाचार का आरोप आज वही सत्ता-संघठन का करीबी , संघठन के पदाधिकारियों की कार्यशैली सवालों में

जिस पर लगाए करोडो के भ्रष्टाचार का आरोप आज वही सत्ता-संघठन का करीबी , संघठन के पदाधिकारियों की कार्यशैली सवालों में

रायपुर : – तत्कालीन सरकार के समय जंगल विभाग को चारागाह बनाकर चरा गया क्या शासन क्या प्रशासन सभी ने मिलकर जंगल को खोखला करने में कोइ कोर कसर नही छोड़ीं . उस समय विपक्ष में भाजपा सरकार ने भी जंगल की कालाबाजारी के मुद्दे को जमीन से लेकर सदन तक उठाया और खूब हो हल्ला मचाया, सत्ता बदली सियासत बदली तो जो अधिकारी इस भ्रष्टाचार के पोषक रहे है वह सत्ता संघठन के चहेते बन गए है . बताते है तत्कालीन सरकार में इस अफसर ने इस कदर जंगल को बेचा की जंगल तो वीरान हो गए मगर यह अधिकारी लाल पीला हो गया उस समय की काली कमाई अब सत्ता संघठन को मैनेज करने में लगाई जा रही है .

यह आरोप हम नही लगा रहे है ऐसे इसके लिए विभाग के ही लोगो देश के प्रधानमंत्री को पत्र के माध्यम से बताया कि किस तरह जंगल विभाग को उसके मुखिया श्रीनिवासन राव खोखला कर रहे है पढिये क्या लिखा है पत्र में : –

वन विभाग के मुखिया श्रीनिवासन राव के हाथ से किये जा रहे कारनामो और कार्रवाही किये जाने की मांग को लेकर लिखते है कि यह सर्वविदित है कि श्री राव पांच वर्षों तक कैम्पा प्रमुख रहने के बाद तत्कालीन सरकार की कृपा पात्र से कई सीनियर को हटाकर वन प्रमुख बने . कैम्पा प्रमुख रहने के दौरान इनके द्वारा स्टॉप डेम , लेंटाना(खतपतवार) तालाब निर्माण जैसे कार्यो में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा पार कर दी बता दे उक कार्य जंगल के भीतर के ऐसे कार्य है जिसमे जंगल मे मोर नाचा किसने देखा वाली कहानी है .

उक्त भ्रष्टाचार के सम्बंध में आरटीआई कार्यकर्ताओ समेत जनप्रतिनिधियों द्वारा लिखित शिकायत दर्ज कराई गई लेकिन शिकायतें डस्ट बिन में फेंक दिए गए जिसकी वजह से आज पर्यन्त तक न शिकायत पढ़ा गया न ही कार्रवाही की गई . वन कर्मियों ने बताया कि राव द्वारा फील्ड में पदस्थ अधिकारयों का भयादोहन इनके द्वारा किया जाता है . सघठन मंत्री पवन साय को राव अपना करीबी बताते है और संघठन की आड़ में सारे अवैध कृत्य किये जा रहे है .

शिकायत में कर्मचारी आगे बताते है पढिये :-

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