शहरी क्षेत्रों में अवारा कुत्तों के काटने से एक भी मौत नहीं

रायपुर। बारिश का मौसम शुरु होने के साथ ही आवारा कुत्तों के काटने का मामला भी बढऩे लग जाता है लेकिन अभी तक शहरी क्षेत्रों में इसके काटने से एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है और इस संबंध में प्रदेश के माननीय उच्च न्यायालय द्वारा विभाग को कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।
विधायक श्रीमती शेषराज हरवंश ने उप मुख्यमंत्री साव से सवाल किया कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में जनवरी 2024 से जून 2024 तक अवारा कुत्तों के काटने से कितने लोगों की मौत हुई है? क्या इस संबंध में प्रदेश के माननीय उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार दिशा- निर्देश जारी किए गए हैं? यदि हां तो कब? उपमुख्यमंत्री अरूण साव ने सदन को बताा कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में जनवरी 2024 जून 2024 तक आवारा कुत्तों के काटने से किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई हैं। इस संबंध में प्रदेश के माननीय उच्च न्यायालय द्वारा विभाग को कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं।
श्रीमती हरवंश ने सवाल किया कि प्रश्नांश ‘क’ के अनुसार कुत्तों के काटने से हुई मौत की निकायवार जानकारी देवें? इस हेतु प्रभावित क्षेत्रों में एन्टी रैबीज इंजेक्शन की पर्याप्त उपलब्धता थी या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों ? आवारा कुत्तों के काटने से हुई मौत से प्रभावित परिवारों को कितनी-कितनी मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है? आवारा कुत्तों के नियंत्रण हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही ही जा रही है? उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रश्नांश ‘क’ के अनुसार कुत्तों के काटने से प्रदेश की समस्त 184 नगरीय निकायों की जानकारी निरंक हैं। प्रश्न का शेष भाग विभाग से संबंधित नहीं हैं। आवारा कुत्तों के काटने से हुई मौत संबंधी जानकारी निरंक होने से मुआवजा भुगतान का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। आवारा कुत्तों की आबादी को स्थिर/कम करने के लिए नसबंदी और टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है।

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