डॉ कमलेश गोगिया का शोध पत्र लगातार चौथी बार विश्व हिन्दी सचिवालय मॉरीशस के अंतरराष्ट्रीय जर्नल में

रायपुर। हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य को पूरे विश्व में समृद्ध करने के लिए प्रतिबद्ध विश्व हिन्दी सचिवालय, मॉरीशस ने मैट्स यूनिवर्सिटी के कला एवं मानविकी अध्ययनशाला, हिन्दी विभाग के सह-प्राध्यापक और वरिष्ठ पत्रकार डॉ. कमलेश गोगिया के रिसर्च पेपर को विश्व हिन्दी पत्रिका-2024 में भी प्रकाशित किया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर की यह वार्षिक शोध पत्रिका हाल ही में जारी की गई जिसमें विश्व के कोने-कोने से हिंदी विद्वानों, रचनाकारों, शिक्षाविदों, भाषाविदों, तकनीकविदों, अध्येताओं और पत्रकारों के मौलिक शोध पत्र आमंत्रित किये गये थे। इनमें छत्तीसगढ़ से एकमात्र डॉ. कमलेश गोगिया के शोध पत्र डिजिटल विश्व में हिन्दी के बढ़ते कदम को प्रमुखता के साथ स्थान दिया गया है। इस पत्रिका में पूरे विश्व के 37 विद्वानों के शोध आलेख शामिल किए गए हैं।
वर्ष 2021, 2022 और वर्ष 2023 में भी डॉ. कमलेश गोगिया के हिन्दी भाषा और साहित्य के विकास को लेकर अलग-अलग विषयों से संबंधित मौलिक शोध पत्रों को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। विश्व हिंदी सचिवलाय, मॉरीशस सरकार और भारत सरकार की द्विपक्षीय संस्था है जिसके द्वारा वर्ष में एक बार प्रकाशित होने वाली अंतरराष्ट्रीय वार्षिक शोध पत्रिका में पूरे विश्वभर से शोध आलेख आमंत्रित कर श्रेष्ठ व मौलिक शोध पत्रों को चयनित कर प्रकाशित किया जाता है। यह प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय रिसर्च जर्नल यूजीसी केयर में भी शामिल है। डॉ. कमलेश गोगिया हिन्दी पत्रकारिता, हिन्दी भाषा और साहित्य सहित विभिन्न समसामयिक सामाजिक विषयों पर अनुसंधानरत हैं। विश्व हिंदी सचिवालय द्वारा प्रकाशित अंतर्राष्ट्रीय “विश्व हिंदी पत्रिका” में वैश्विक परिप्रेक्ष्य में हिंदी की स्थिति, चुनौतियों एवं संभावनाओं, हिंदी भाषा, साहित्य एवं शिक्षण के क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान, हिंदी पत्रकारिता एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित महत्त्वपूर्ण मौलिक व सूचनापरक शोध आलेख प्रकाशित किए जाते हैं।

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