राजधानी में बाल संरक्षण योजना में संविदा वृद्धि को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा , जिला कार्यक्रम अधिकारी पर लगे आरोप
रायपुर : – महिला बाल विकास जैसे संवेदनशील विभाग में जब भर्राशाही अपने चरम पर हो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश की सरकार कैसे चल रही है
दरअसल मामला प्रदेश की राजधानी रायपुर का है जहाँ बाल संरक्षण इकाई में जिन आठ लोगों की सेवा समाप्त की गई थी यह सेवाएं 31 मार्च 2022 को स्वत समाप्त हो चुकी थी किंतु जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा इन लोगों को अप्रैल 2022 से लगाकर सितंबर 2024 तक वेतन का भुगतान किया गया जिसको नियमित करने के लिए उनके द्वारा इन आठ कर्मियों की 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक के लिए संविदा वृद्धि की कार्यवाही फर्जी तरीके से करवाई जा रही है जो अपने किये भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की नीयत से यह खेल खेला जा रहा है
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23, 23 – 24 एवं 24 – 25 के लिए इन आठ कर्मचारियों के संविदा वृद्धि आदेश जारी नहीं किए गए हैं स्पष्ट है कि उनके वेतन का भुगतान बिना कोई आदेश के गुपचुप तरीके से किया जा रहा है जबकि माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा मात्र निर्देश दिए गए थे कि उनके गोपनीय प्रतिवेदन इन्हें संसूचित किया जावे तथा इसे अभ्यावेदन प्राप्त होने पर इनकी संविदा सेवा वृद्धि के संबंध में निर्णय लिया जावे साथ ही 2 वर्ष पश्चात संविदा सेवा में वृद्धि किए जाने के संबंध में शासन के कोई निर्देश नहीं है ऐसी स्थिति में जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा इन कर्मियों के वेतन का भुगतान 2 वर्ष से अधिक अवधि का वेतन भुगतान किस नियम के पालन में किसके आदेश पर किया गया यह एक सूक्ष्म जांच का विषय है
सूत्रों की माने तो इस विषय पर पूर्व जिलाकार्यक्रम अधिकारी अशोक कुमार पांडे एवं वर्तमान जिला कार्यक्रम अधिकारी निशा मिश्रा द्वारा कई मिलकर बड़ा भ्रष्टाचार और मामले में बड़ा लेनदेन किया है जिससे कि राजकोष को घोरतम क्षति पहुंची है, मामला यहीं समाप्त नहीं होता है जिला कार्यक्रम अधिकारी निशा मिश्रा की निर्भीकता इस हद तक है कि उनके द्वारा वात्सल्य मिशन के तहत की जा रही नियुक्ति का विज्ञापन जानबूझकर गलत छापा गया .
इसके अलावा सुश्री जया चंद्राकर को 3 वर्ष के अनुभव का फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया गया तथा उसकी भी नियुक्ति की तैयारी की जा रही है इसके अतिरिक्त और भी इनके द्वारा कई अनुभव प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं जबकि 2 वर्ष पश्चात सेवा वृद्धि किए जाने के संबंध में शासन के कोई नियम निर्देश नहीं है यह सब नियुक्ति पूर्व जांच का विषय है अब देखना यह है कि विभाग संभागीय कमिश्नर एवं कलेक्टर किस हद तक जाकर इसकी जांच करके इस भर्ती घोटाले पर लगाम लगाने का प्रयास करते हैं
मामले में जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा बिना नियुक्ति आदेश बिना किसी आवेदन के कई लोगो को जारी किए गए अनुभव प्रमाण पत्रों की अगर जाँच की जाए तो इनके भ्रष्टाचार के कई और बड़े चौकाने वाले खुलासे होंगे