रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय (ईडी-आरपीजेडओ) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत 5 अक्टूबर 2024 को 9 व्यक्तियों और संस्थाओं को आरोपी बनाते हुए शिकायतें दर्ज की है। आरोपियों में अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, मेसर्स पेट्रोसन बायो रिफाइनरीज प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स ढिल्लों सिटी मॉल प्राइवेट लिमिटेड, अमित सिंह, मेसर्स आदिप एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड, अनवर ढेबर और अरुणपति शामिल हैं।
ईडी-आरपीजेडओ ने अपनी जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) और छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद शुरू की। जांच में 2019 से 2022 के बीच हुए बड़े पैमाने पर शराब घोटाले का पता चला, जिसके दौरान अभियुक्तों ने प्रणालीगत भ्रष्टाचार के माध्यम से अपराध से आय (पीओसी) अर्जित करना पाया गया। ईडी-आरपीजेडओ की जांच से पता चला है कि इस घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ, जबकि सिंडिकेट के लाभार्थियों को 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की आपराधिक आय हुई।
एजेंसी ने पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी सहित प्रमुख व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है इसके अलावा, 18 चल और 161 अचल संपत्तियों सहित लगभग 205.49 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है।
ईडी ने 9 व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ दर्ज की शिकायत
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