अब ट्रेड लाइसेंस के नाम से गुमटी, ठेला, छोटे मंझौल व्यापारियों से सलाना 30 हजार वसूला जायेगा ये तो ज्यादती है – कांग्रेस

00 99 प्रतिशत व्यापारियों के पास गुमास्ता फिर ट्रेड लाइसेंस की अनिवार्यता क्यों?
रायपुर। गुमटी, ठेला, छोटे मझोले व्यापार के लिए ट्रेड लाइसेंस की अनिवार्यता पर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने पूछा कि प्रदेश के 99 प्रतिशत व्यापारियों के पास गुमास्ता लाइसेंस है, इस आधार पर वर्षों से व्यवसाय कर रहे है, फिर अचानक ट्रेड लाइसेंस की अनिवार्यता क्यों की गई है? जिस प्रकार से ट्रेड लाइसेंस की फीस तय की गई है। नगर निगम क्षेत्र में 30 हजार रु., पालिका क्षेत्र में 20 हजार रु., पंचायत क्षेत्र में 10 हजार रु. सालाना, दो वर्ष बाद 5 प्रतिशत फीस शुल्क में वृद्धि ये तो सीधा-सीधा लूट है। जुर्माना का प्रावधान अलग है, इससे तो व्यापारी परेशान होंगे। ट्रेड लाइसेंस के लिए उनको भटकना पड़ेगा, ट्रेड लाइसेंस बनाने के लिए भारी लेनदेन होगा, यह सरकार का फैसला व्यापारी हित में नहीं है।
ठाकुर ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने गुमास्ता की वैधता को 5 साल किया था जिसे भाजपा की सरकार बनते ही खत्म कर दिया गया अब गुमास्ता जिनके पास में है उन्हें ट्रेड लाइसेंस बनाने के लिए दबाव बनाया जाएगा, आखिर सरकार इतनी तानाशाही पर क्यों उतर गई है? कांग्रेस पार्टी ने कहा कि गुमास्ता लाइसेंस धारकों को ट्रेड लाइसेंस निशुल्क बना कर दिया जाए उसमें लगाई गई शुल्क को हटाया जाये। वैसे ही व्यापार व्यवसाय मंदी के दौर से गुजर रहा है। ट्रेड लायसेंस जिनका नहीं बन पायेगा उनका व्यवसाय संकट में आ जायेगा। बेरोजगारी बढ़ेगी। ये सरकार तो रोजगार देने में पहले ही असफल है, अब रोजगार छीन रही है। जिनके पास पहले से गुमास्ता लायसेंस है उनको ट्रेंड लायसेंस बनाने की अनिवार्यता से बाहर किया जाये।

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