पतंजलि ने 14 उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी है, सुप्रीम कोर्ट में दिया हलफनामा

नई दिल्ली। पतंजलि ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा प्रस्तुत किया और जानकारी दी कि उसने 14 उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी है और उनके विज्ञापन भी वापस लेने के निर्देश दिए गए हैं। दरअसल, इन उत्पादों को लेकर कंपनी द्वारा किए गए भ्रामक प्रचार पर सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण को फटकार लगाई थी। जिसके बाद उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी थी। ये वे उत्पाद हैं, जो कोरोना काल के वक्त पतंजलि द्वारा बाजार में उतारे गए और ऐसा दावा किया गया था कि इनसे कोरोना बीमारी बिल्कुल ठीक हो सकती है। इन उत्पादों के निर्माण लाइसेंस उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने अप्रैल 2024 में निलंबित कर दिए थे।
मालूम हो कि इसी साल अप्रैल महीने में उत्तराखंड के ड्रग रेगुलेटर ने रामदेव की दवा कंपनी द्वारा बनाए गए 14 उत्पादों पर बैन लगा दिया था। ये कार्रवाई कंपनी द्वारा दवा को लेकर बार-बार भ्रामक विज्ञापन छापने के कारण हुई थी। उत्तराखंड की लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने पतंजलि की दिव्य फार्मेसी द्वारा बनाए गए 14 प्रोडक्ट्स के लाइसेंस को उनकी प्रभावशीलता के बारे में बार-बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए निलंबित किया। इससे पहले रामदेव को अपनी दवा से जुड़े भ्रामक विज्ञापन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगनी पड़ी थी।
पतंजलि ने इन उत्पादों की बिक्री रोकी
पतंजलि ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लिखित में जानकारी दी कि उसने अपने 14 उत्पादों की बिक्री भी रोक दी है, जो उत्तराखंड के ड्रग रेगुलेटर द्वारा निलंबित किए गए थे। इन उत्पादों में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और डायबिटीज के लिए रामदेव की पारंपरिक दवाएं भी शामिल हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार दिव्य फार्मेसी की जिन दवाओं पर सरकार ने बैन लगाया है उनमें श्वासारि गोल्ड, श्वासारि वटी, ब्रोंकोम, श्वासारि प्रवाही, श्वासारि अवलेहा, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर और पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप शामिल हैं।

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