अफ़सर-ए-आ’ला (हर रविवार को सुशांत की कलम से)

अफ़सर-ए-आ’ला
(हर रविवार को सुशांत की कलम से)

काउंटडाउन शुरू –
प्रदेश में प्रशासनिक मुखिया को लेकर काउंटडाउन शुरू हो चुका है। अगले 30 घण्टे में प्रदेश को 13 वा मुख्य सचिव मिल जाएगा। अब यह जवाबदेही किसे मिलती है इसको लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। कही अनसुनी कहानियां बहुत है मगर जो स्थितियां है उस लिहाज से देखे तो सरकार भी ऐसे व्यक्ति को प्रशासनिक मुखिया बनाना चाहेगी जो सरकार की योजनाओं , कामकाज , क्रिएटिव सोच से प्रदेश को आगे लेकर जाए। अभी पांच सीनियर आईएएस है जिसपर सबकी नजरें टिकी हुई है इसमे कुछ प्रतिनियुक्ति पर है। जाहिर है जो राज्य में सेवाएं दे रहे है उसमें ही सरकार को निर्णय करना है इसमे दो अधिकारी है एक ट्राइब्स से आते है और दूसरे सामान्य अब आदिवासी मुख्यमंत्री है तो समीकरण के हिसाब से सामान्य को मौका मिलना चाहिए। वही मुख्य सचिव प्रशासनिक मुखिया होता है वह तेजतर्रार , त्वरित फैसले और हर परिस्थितियों को नियंत्रित करने वाला होना चाहिए। इसमे वह व्यक्ति फ़ीट बैठता है जो तत्कालीन सरकार की काली कोठरी से भी बेदाग निकल गया। अब देखना है कि सरकार इनकी बेदागी पर चार चांद लगाती है या कठपुतली की तरह नाचने वाले पर मुहर लगाती है यह जल्दी ही सामने होगा।

व्यापारी त्रस्त मंत्री जी मस्त –
प्रदेश भर में व्यापारियों को हालात पस्त है। व्यापारी सड़को पर आ गए है हालात बेकाबू है मगर युवा मंत्री जी इंस्टा रील में सुशासन की ढपली पीट रहे है। पैसे वाले विभाग में ई-वे बिल के नाम पर करोड़ो का खेला हो रहा है। ई-वे बिल संभालने वाले एक ही नाम के दो रेन्द्रों ने तो इस कदर लूट मचाई की 18 महीने में ही राजधानी की कई बड़ी पॉश कॉलोनी में इन्होंने करोड़ो का इन्वेस्टमेंट कर डाला। इनका खुद का मकान भी करोड़ो का है। बीते दिनो भाजपा नेता ने विभाग कमिश्नर की नामजद शिकायत पर केंद्र ने जांच कर कार्रवाही के लिए मुख्य सचिव को आदेशित किया था। उस मामले में एक रेन्द्र लेफ्ट और दूसरा नुरेंद्र राइट से पूरा सेटेलमेंट संभाल लिए। लोहे की गाड़ियों में भी करोड़ो का कमीशन सेट हो गया है। अब जाहिर सी बात है कमीशन की रकम मंत्री जी से लेकर कमिश्नर साहेब तक भी बाकायदा पहुँच रही होगी ? तब तो मंत्री जी इतने विरोध और शिकायत के बाद भी इनपर आंच नही आने दिए। अब व्यापारी भले ही त्रस्त और चोर बता दिए जाएं मगर युवा आईएएस मंत्री जी अपनी मस्ती में मस्त है। इधर कमीशन की रकम और उधर फॉलोवर दोनों साथ ही साथ बढ़ रहे है।

अजब गजब कारनामे –
युवा मंत्री जी के विभाग में अजब गजब कारनामे हो रहे है युवा मंत्री जी इधर इंस्टा की नई रील का थीम सोच ही रहे थे कि उधर इनके विभाग ने 6 महीने पहले मृत हो चुके व्यक्ति का ट्रांसफर आदेश जारी कर दिया। इतना ही नही सेकड़ो अधिकारियों के ट्रांसफर आदेश को गौर फरमाइयेगा तो समझ आएगा कि उसी कार्यालय में एक टेबल से उठाकर दूसरी टेबल में बैठाकर बड़ा खेल कर गए है। जबकिं राज्य बनने के बाद से सेकड़ो ऐसे अधिकारी है जिन्हें इस टेबल से उस टेबल भेजकर महज खानापूर्ति की जाती रही है। यही हालात इस ट्रांसफर सूची में भी दिखलाई पड़ा अब आम आदमी तो यही सोचेगा की युवा मंत्री जी ने कड़े निर्णय लिए है अब लोगो को कौन समझाए यह कारनामा राज्य बनने के बाद से होता चला रहा है।

आईफोन ने कराई बस्तर से वापसी –
आईफोन के जितने भी नए वर्जन आते है वह सबसे पहले एक पुलिस के साहेबान खरीदते है। तीन कैमरों वाले आईफोन के फीचर इतना शानदार है कि इसके फीचर ने बस्तर में पदस्थ एक विवादित पुलिस वाले साहेब को पहले मौखिक आदेश में राजधानी की मंजूरी दिलाई। अब जल्दी ही इनकी पोस्टिंग राजधानी के इर्द गिर्द के जिले में बटालियन में होने जा रही है। एक बड़े नेता ने लेटेस्ट वर्जन के आईफोन की डिमांड की है और आश्वाशन दिया है अभी राजधानी आ जाओ फील्ड भले न मिले लेकिन अगर आईफोन के साथ साथ रिचार्ज भी होता रहेगा तो जल्दी ही फील्ड में वापसी करा दी जाएगी।

भ्रष्टाचार के नए पैतरे –
अभी तक आपने सिर्फ सड़क , पुल , पुलिया , बांध के ठेके की बात सुनी होगी। मगर आज हम जिस विभाग की बात बता रहे है उस विभाग के मंत्री जी ने अपना विभाग ही एक माड़वाडी दलाल को ठेके में दे दिया है। मंत्री जी को कोई काम या दस्तखत भी करना हो तो यह माड़वाडी दलाल के ठिकाने जाते थे। जो मंत्री जी के कार्यालय के ठीक सामने ऐश्वर्य के साथ रहता है। हद तो तब हुई जब दलाल माड़वाडी ने मंत्री जी के कार्यालय में ही अपनी दलाली की दुकान खोल ली। आलम यह हो चुका है कि मंत्री जी की कुर्सी भी इस दलाल ने हथिया ली है। और मंत्री जी को मुम्बई में समुंदर किनारे एक आलीशान विला में गिफ्ट कर दिया है जहाँ मंत्री जी अपना ज्यादातर समय व्यतीत कर रहे है। और यह माड़वाडी दलाल पूरे विभाग को दीमक की तरह चर रहा है। भ्रष्टाचार का यह नया पैतरा कितना गुल खिलाता है यह तो वक़्त ही बताएगा मगर इस माड़वाड़ी की दलाली से सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है।

बड़े पद की लालसा –
राज्य में इन दिनों आईबी की सीनियर टीम घुमघुमकर टोह ले रही है और विधायक से लेकर मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर रही है। यह टीम केंद्र को अपनी रिपोर्ट सौपेगी। रिपोर्ट में कई मंत्रियो का परफॉर्मेंस बिल्कुल भी अच्छा नही है एक मंत्री जो 15 साल रमन सरकार में भी मंत्री रहे उन्होंने तो आदिवासी मुखिया की ही खिलाफत कर दी है। अपने विभाग को ठेके में देकर सूबे के मुखिया को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। ताकि दूसरा आदिवासी चेहरे पर मुहर लगने की गुंजाइश बने तो इसी सीनियर आदिवासी नेता का नाम फ्रंट में आये इसलिए तो लिए मंत्री जी मुम्बई के अलावा दिल्ली , गुजरात , और नागपुर के चक्कर काटते घूम रहे है। इनके घूमने घुमाने और मुखिया की कुर्सी के लिए माड़वाड़ी लक्ष्मीपुत्र का पूरा रैकेट जिसके तार ब्यूरोक्रेसी में भी फैले है वह लगी हुई है। जो मंत्री जी के लिए हर तरीके से फंडिंग की व्यवस्था कर रही है। बताते है कि इन सब करतूतों की खबर केंद्र तक भेजी जा रही है। मंत्री जी संभालिएगा बड़े पद की लालसा में कही मंत्री पद भी न छीन जाए।

यक्ष प्रश्न
यक्ष प्रश्न
1 . ऐसे वादावीर मंत्री का नाम बताइए जिनके वादे में सरकार आई अब वह अपने ही वादे भूल गए ?

2 . जिस संगठन के बूते सरकार आई उसी संगठन पर रोक आखिर कौन लगा रहा ?

 

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