00 केंद्रीय सूची में “रावत” नही जुड़े होने के कारण छत्तीसगढ़ यादव समाज के लाखों युवाओं को केंद्रीय शिक्षा और रोजगार में हो रही परेशानी
00 प्रदेश अध्यक्ष डा सोमनाथ यादव के नेतृत्व में मिले पांच संभाग के प्रमुख पदाधिकारीगण
रायपुर। रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में छत्तीसगढ़ी यादव समाज के प्रमुखों ने डा सोमनाथ यादव प्रदेश अध्यक्ष भारतीय यादव महासभा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से भेंट कर आठ सूत्रीय मांग का पत्र सौंपा। मुख्य मंत्री श्री साय ने यादव समाज की मांगो पर उचित और ठोस कार्यवाही करने का आश्वासन दिए। इस अवसर पर यादव समाज द्वारा मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को राउत जैकेट, खुमरी पहनाकर, शाल, लाठी, स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
ज्ञात हो लाखों की संख्या में छत्तीसगढ़ के नगर और गावों में निवासरत यादव समाज छत्तीसगढ़ की संस्कृति तथा गौरवशाली परंपराओं के संरक्षण में महती भूमिका निभा रही है पर समाज की वर्षों से कुछ बिंदु पर सरकार से मांग रही है जिस पर आज तक निराकरण नहीं हो पाया है जैसे कि छत्तीसगढ़ की पुरातन संस्कृति राउत नृत्य और बांस गीत गाथा के दोहा और गीत गाथा को संरक्षित करने हेतु अकादमी का गठन की जाए, और समाज के बुजुर्ग कलाकारों को कला प्रोत्साहन राशि दी जाए। उसी तरह वन क्षेत्र में निवासरत यादव परिवारों को आज भी वन विभाग द्वारा पट्टा नही दी गई है वही आए दिन राजस्व ,पुलिस और वन विभाग द्वारा किसी न किसी बहाने परेशान किया जा रहा है जिसे रोका जाए और यादव बंधुओं पर की गई कानूनी कार्रवाई को वापस ली जाए। समाज की यह भी मांग है कि छत्तीसगढ़ में जनसंख्या अनुपात के अनुसार यादवों को सरकार के विभिन्न निकायों में भागीदारी सुनिश्चित की जाए और आगामी दिनों में होने वाले नगर निकाय,जिला पंचायत चुनाव में भाजपा से जुड़े यादवों को महापौर,अध्यक्ष, सदस्य,पार्षद की टिकिट दी जाए, या मनोनयन की जाए।
उसी प्रकार राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के केंद्रीय सूची में क्रमांक एक में यादव,राउत के बाद रावत को जोडऩे के लिए राज्य सरकार तुरंत कार्यवाही करे। केंद्रीय सूची में “रावत” नही जुड़े होने के कारण छत्तीसगढ़ यादव समाज के लाखों युवाओं को, केंद्रीय शिक्षा और रोजगार में बहुत परेशानी हो रही है। मांग पत्र में यह भी है कि गोठानों में उसी गांव के यादव बंधुओं जो की गाय चराने का कार्य करते है को गोसेवक के रूप में नियुक्त कर हर माह मानसेवी राशि दी जाए। वही लावारिस गाय,बछड़ा,बैल,भैंस की देखभाल हेतु प्रत्येक जिला में अभ्यारण्य बनाई जाए और उन्हें वहां रखा जाए उनकी चारा पानी , इलाज की सुचारू व्यवस्था की जाए। साथ ही गोपालक यादव परिवार को दुग्ध व्यवसाय हेतु एक प्रतिशत ब्याज पर दस लाख तक की सहकारी बैंकों से ऋण दी जाए जिसका नियम कानून सरल हो ताकि हर यादव परिवार जो दुग्ध व्यवसाय कर रहे हो उन्हे इसका लाभ मिल सके।
छत्तीसगढ़ यादव समाज की यह भी मांग है कि डेयरी संचालित व्यवसाई अपने हिसाब से रेट निर्धारित कर यादवों से दूध खरीदते हैं और यादवों से क्रय दूध को दुगने दामों में बिक्री कर देते है, 30 रूपये में खरीद कर 60 रूपये में बेचकर बिचौलिये दुगना मुनाफा कमा रहे है, जबकि दाना,चारा और अन्य व्यवस्था सभी महंगी हो गई है और यादवों को विशेष रूप से कुछ फायदा नही हो रहा है पर दूसरा धंधा नही होने और वंशानुगत कार्य होने के कारण मजबूरी में गोपालन कर रहे हैं। शासन छत्तीसगढ़ में दूध उत्पादक यादवों को दूध का प्रति लीटर 40 से 45 रूपये मिले ऐसा नियम बनाये कड़ाई से पालन कराए। इन आठ सूत्रीय मांग पत्र भारतीय यादव महासभा छत्तीसगढ़ के बैनर पर रायपुर,दुर्ग,बिलासपुर,सरगुजा,बस्तर संभाग के प्रमुख पदाधिकारीगण प्रदेश अध्यक्ष डा सोमनाथ यादव के नेतृत्व में मुख्य मंत्री जी को सौंपे। प्रतिनिधि मंडल में सर्वश्री अलखराम यादव, एस डी यादव, माधव यादव ,जनक राम यादव,भगत यादव, राजू यादव, श्रीराम सीरिया यादव,संतोष यादव, रामशरण यादव, शिवशंकर यादव, अशोक यादव, राजेश यादव,सूरज यादव,जमुना यादव,शिवनाथ यादव, नीरज यादव,लक्ष्मी यादव, जितेंद्र यादव,दुजराम यादव, श्रवण यदु, रमाकांत यादव, हितेश यादव,प्रीतम यादव,अजय गोपाल,संजय यादव,हरीश यादव,कमलेश यादव,रामअधार यादव,दुर्गा यादवमुकेश यादव,बंटी यादव ,गोवर्धन यदु,राकेश यादव ,उतरा यादव,शिव कुमार यादव ,दिलीप यादव ,निरंजन यादव,जीतू यादव, श्रेयश यादव, हर्ष यादव, हर्षहिंद यादव, शेखर यादव, सतीश यादव प्रमुख थे।
यादव समाज ने मुख्यमंत्री से भेंट कर रखी अपनी मांग
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