वाह गृह मंत्री : – पुलिस की कार्यशाला में पहुँचे गृहमंत्री शर्मा , गृहमंत्री के सोना प्लांट वाले कटाक्ष पर अफसरो की उड़ीं हवाइयां , नवीन न्याय सहिंता के प्रावधान जल्द होंगे लागू – विजय शर्मा

पुलिस की कार्यशाला में पहुँचे गृहमंत्री शर्मा , गृहमंत्री के सोना प्लांट वाले कटाक्ष पर अफसरो की उड़ीं हवाइयां , नवीन न्याय सहिंता के प्रावधान जल्द होंगे लागू – विजय शर्मा

रायपुर : – बीते दिनों भारत सरकार द्वारा पारित भारतीय न्याय सहिंता को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा पुलिस मुख्यालय सिविल लाइन रायपुर में कार्यशाला आयोजित की गई थी . कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य कानूनी कार्रवाहियो में पारदर्शिता लाना है जिसमे नवीन न्याय सहिंता में जिस तरह न्यायालीन मामले में वीडियोग्राफी की जाती है उसी तर्ज पर कानूनी कार्रवाहियो में वीडियोग्राफी की जाएगी. इस कार्यशाला में भारत सरकार द्वारा पारित नए कानून के विभिन्न पहलुओं पर पुलिस महानिदेशक द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया जा रहा था महानिदेशक जब उक्त न्याय संहिता में पुलिस की कार्यप्रणाली तथा न्यायालयीन कार्यप्रणाली को पारदर्शी बनाने संबंधित प्रावधानों का जिक्र किया इसपर गृहमंत्री विजय शर्मा ने कटाक्ष कर दिया कटाक्ष सुनते ही वहाँ बैठे अफसरो की हवाइयां तो जैसी उड़ सी गई और वहाँ बैठे तमाम अफसर सकते में आ गए

गृहमंत्री विजय शर्मा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि नए न्याय सहिंता प्रावधान लागू होने के बाद अब पुलिस स्कूटी में सोना प्लांट कर किसी निर्दोष को नही फंसा सकती
उक्त कटाक्ष के बाद पूरे सभा कक्ष में तो जैसे सन्नाटा सा छा गया कुछ के सर नीचे हुए तो कुछ अपने बगले झांकने लगे

गृहमंत्री का यह कटाक्ष उन अफसरो के लिए था जिन्होंने तत्कालीन सरकार के समय जमकर भ्रष्टाचार और घोटालों को अंजाम दिया और पूरे राज्य में सिंडीकेट बनाकर झूठी एफआईआर झुठे मुकदमे कायम किये और शांतिप्रिय राज्य को अपराधों का गढ़ बना दिया

सभा मे सन्नाटे के पीछे कही न कही कटाक्ष की हकीकत भी उभर कर आने लगी दरअसल कटाक्ष बीते सत्र में हुई घटना के तारतम्य में था उक्त मामले में 2005 बैच के आरिफ शेख डीआईजी , एसीबी / ईओडब्ल्यू रहते हुए एक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारी की स्कूटी से 02 किलोग्राम सोना प्लांट करवाया था यह सोना प्लांट करने की पूरी घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में कैद भी हुई लेकिन आरिफ शेख द्वारा डीवीआर जप्त करके सबूतों को नष्ट करने का कृत्य किया गया था सूत्र बताते है कि बैंक अधिकारी को शारीरिक छति पहुँचाई गई और अपनी पहुँच पॉवर का डर दिखाया गया और प्लांट दो किलो सोना ADG जीपी सिंह का बताया गया

बता दे कि जीपी सिंह 1994 बैच के आईपीएस अफसर है आरिफ शेख तत्कालीन भूपेश सरकार में काफी पॉवरफुल अफसर रहे है इनकी ताकत का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि आरिफ शेख न्यायलय में विचाराधीन और केंद्रीय जांच एजेंसियों में लंबित 133 मामलों को नस्ती कर दिया जबकिं नियमतः ऐसे मामले जो न्यायालय या केंद्रीय एजेंसियों के जांच का विषय है उन मामलों को नस्ती नही किया जा सकता है


इतना ही नही नान घोटाले के आरोपी अनिल टुटेजा के सुपुत्र यश टुटेजा के सलाह मशवरे से ही प्रदेश की कानून संचालित होती थी . फर्जी एफआईआर फर्जी गवाहिया पांच सालों तक यही सिलसिला चलाया गया जीपी सिंह के मामले में भी अपने ही सीनियर अधिकारी को षणयंत्र पूर्वक फसाने के तमाम हतकंडे अपनाए गए गवाहों को डराया धमकाया गया और फर्जी गवाहियां करवाई गई

उल्लेखनीय है कि आरिफ शेख अकेले ही नही थे इनका पूरा सिंडिकेट (गिरोह ) था जो कांग्रेसी कार्यकर्ता के रूप में कार्य करता था जिसमे आईपीएस आनंद छाबड़ा , अभिषेक माहेश्वरी शामिल थे अब जब सूबे में सरकार बदल गई है तो इन अफसरो के हाथ पांव ठंडे पड़ने लगे है इनके द्वारा दबाव में करवाई गई गवाहियां अब इनके काले कारनामो को उजागर करने लगी है और बता रही है की किस तरह आरिफ और उनके गुर्गे ने मिलकर फर्जी गवाही के लिए दबाव बनाया साथ ही साथ मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित भी किया है .

बता दे कि तत्कालीन सरकार में शेख आरिफ द्वारा अनेकों लोगों को फर्जी अपराधों में फंसाने के कारनामे किये गए हैं जिनकी शिकायतें पीडितों द्वारा शासन स्तर तक की गई है . अब जब सत्ता सरकार बदल गई है लोगों का इंतजार है कि वर्तमान सरकार शेख आरिफ के खिलाफ उसके द्वारा कारित फर्जी कारनामों तथा किये गये भ्रष्टाचार की सूक्ष्मता से जांच करेगी और न्यायोचित कार्रवाही करेंगी हालांकि गृह मंत्री विजय शर्मा का कटाक्ष इन अफसरो को नींद उड़ाने के लिये काफी है .

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