प्रदेश में व्हाट्सप्प चैट फिर चर्चाओं में , आखिर कौन है सीएम मैडम किसका नाम ले रहे एटी

प्रदेश में व्हाट्सप्प चैट फिर चर्चाओं में , आखिर कौन है सीएम मैडम किसका नाम ले रहे एटी

रायपुर : – प्रदेश में फिर एक बार व्हाट्सप्प चैट की चर्चा ज़ोरों पर है यह चैट चर्चा में फिर इसलिए आया कि बीते दिनों एसीबी ने ऐसे ही एक चैट के आधार पर नान घोटाले मामले में तत्कालीन आईएएस अनिल टुटेजा, आलोक शुक्ला एवं पूर्व महाधिवक्ता संतीश चंद्र वर्मा के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया है . मामला प्रदेश के बहुचर्चित नान घोटाले का है जिसमे भ्रष्टाचार के मुख्य आरोपी अनिल टुटेजा किस तरह अपने पद का दुरुपयोग करते हुए गवाहों और साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने की नीयत से तत्कालीन एसीबी चीफ को चैट करते है। एटी सारे नियम कानून को धता बताते हुए न्याय के विपरीत कार्य कराने की कोशिश करते है जिस पर तत्कालीन एसीबी चीफ शख्त लहजा इख्तियार करते हुए उन्हें डांट लगाते है . जिसके बाद अनिल टुटेजा जीपी सिंह से माफी मांगते है। बताते चले कि अनिल टुटेजा (AT) तत्कालीन एसीबी चीफ जीपी सिंह के कनिष्ठ अधिकारी है जो भूपेश सरकार में छाया मुख्यमंत्री और सबसे पॉवरफुल अफसर के रूप में जाने जाते थे .

अनिल टुटेजा के चैट में आखिर कौन है सीएम मैडम : –

अनिल टुटेजा (AT) के व्हाट्सप चैट में बार-बार सीएम सर और सीएम मैडम का जिक्र कर रहे है आखिर कौन है सीएम सर और सीएम मैडम। नान घोटाले का खुलासा सन 2015 में हुआ था तब प्रदेश में डॉक्टर रमन सिंह की भाजपा सरकार थी. उस समय एसीबी को छापे के दौरान एक डायरी मिली थी जिसमे भ्रष्टाचार के पैसे का हिसाब किताब था। इस डायरी में दो नंबर के पैसे में किस अधिकारी को कितना दिया गया इसका पूरा लेखा जोखा था। इसमे कई इंट्री सीएम और सीएम मैडम के नाम से भी था। जांच में पता चला कि सीएम का मतलब नान में पदस्थ अधिकारी चिंतामंडी चंद्राकर था। इस मामले में नान के तत्कालीन एम डी अनिल टुटेजा और सचिव आलोक शुक्ला को आरोपी बनाकर जेल भेज दिया गया। जैसे ही 2018 में प्रदेश में सरकार बदली और कांग्रेस सत्तारूढ हुई अनिल टुटेजा पाला बदलकर सरकार की गोद में जा बैठा और अपने सारे काले कारनामो में सफेदा लगाने लगा और सरकारी तंत्र में कब्जा जमा लिया। बताते है कि पांच साल की भूपेश सरकार में टुटेजा ने अकूत संपत्ति बनाई और अपने काले कामो का ठीकरा रमन सरकार पर फोड़ने में लग रहा .


कांग्रेस सरकार के दौरान जीपी सिंह और एटी के जो चैट मिले है उसमे नान घोटाले की डायरी में जिस सीएम सर की चर्चा है वह चर्चा डॉक्टर रमन सिंह की है और सीएम मैडम उनकी पत्नी वीणा सिंह है। एटी चाहते थे कि कुछ ऐसा तथ्य गड़ा जाए जिससे यह साबित हो कि सीएम सर का मतलब डॉक्टर रमन सिंह हो और और सीएम मैडम को वीणा सिंह साबित किया जाए। ऐसा फर्जी तथ्य गढ़ने और उन दोनों पर शिकंजा कसने के लिए तत्कालीन एसीबी चीफ पर एटी ने दबाव बनाया। इस पर एसीबी चीफ जीपी सिंह ने उन्हें जमकर फटकार लगाई . इसके बाद सभी दागी अफसर एक होकर जीपी सिंह को निपटाने के लिए तमाम हथकंडे अपनाए जिसमें वह कुछ हद तक सफल भी हो गए .

सत्ता की गोद मे बैठने वाले अधिकारी : –

पांच साल सत्ता की गोद मे बैठकर पूरे सिस्टम का कबाड़ा करने वाले यह अफसर इनकी पूरी सिंडिकेट टीम थी जिस सिंडिकेट के कुछ लोग जेल के सलाखों के पीछे है और कुछ मुहाने में है इन अफसरों पर भी कानून का शिकंजा कसता जा रहा है . उल्लेखनीय है भाजपा शासन काल के समय अनिल टुटेजा पर डॉक्टर रमन सिंह बहुत भरोसा करते थे और उन्हें फ्री हैंड दे रखा था। इसी विश्वास का फायदा उठाते हुए अनिल टुटेजा ने नान घोटाले के इतने बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया था . ऐसे अधिकारी न शासन के होते है न प्रशासन के इस भ्रष्टाचार पर भाजपा सरकार में ही टुटेजा पर एफआईआर दर्ज की गई थी मगर सत्ता बदलते ही टुटेजा भूपेश सरकार की गोद मे बैठ गए और अपने सारे काले कारनामो मिट्टी डालने लगे और भूल गए सत्ता किसी की जागीर नही होती यह नौकरशाह खुद को तानाशाह समझ बैठा थे तब तो नौकर होकर भी तीन बार के मुख्यमंत्री को अपने कारनामो में फंसाने लगे थे साथ ही उनकी पत्नी को भी नही बख्शा और एसीबी पर दबाव बनाने लगे थे .

बताते है कि डॉक्टर रमन सिंह को सहपत्नी गिरफ्तार करने की योजना तैयार की गई थी जिसमे एसीबी के चीफ रहे जीपी सिंह पर दबाव बनाया गया जिसमें यह छाया मुख्यमंत्री टुटेजा और सुपर सीएम ने पूरी ताकत लगा दी मगर न्यायसंगत कार्य करने वालेअफसर जीपी सिंह टस से मस नही हुए इसी की परिणीति हुई की उनके खिलाफ षडयंत्र रचा गया और फर्जी कागजात और दस्तावेजों के आधार पर राजद्रोह का मामला दर्ज कर अनिवार्य सेवानिवृत्त दे दी गई। 2024 कैट से निर्दोष करार दिए जाने और तीन माह के अंदर सेवा बहाली के आदेश के बाद भी जीपी सिंह अभी भी बहाल नही हो पाए है तत्कालीन सरकार के गलत फैसले और भ्रष्टाचार को प्रश्रय न देने का परिणाम यह निकला कि आज भी जीपी सिंह बहाली की राह देख रहे है .

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