कांग्रेस में टिकट बेचे जाते है अगर कोई कांग्रेसी जीता तो जनता से लूट करेगा – कश्यप

रायपुर। अब तक का कांग्रेस का इतिहास रहा है कि जब वह संगठन में रहते हैं तो टिकटों की खरीदी बिक्री करके पैसों की लूट करते हैं और जब सत्ता में रहते हैं तो गरीब जनता को नोच कर, भ्रष्टाचार के माध्यम से पैसा अर्जित करते हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस का एजेंडा केवल लूट है अत: जनता को सावधान रहना चाहिए कि कोई भी कांग्रेस का प्रत्याशी चुनकर आएगा तो वह केवल भ्रष्टाचार ही करेगा। उक्त बातें छत्तीसगढ़ के वन एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कहीं।
कश्यप ने कांग्रेस में टिकटों की खरीदी-बिक्री के चरम पर होने की खबरों का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता ही कांग्रेस के नेतृत्व पर यह आरोप लगाते आए हैं। छत्तीसगढ़ में पिछले विधानसभा चुनाव में इसके कई मामले सामने आए हैं। कांग्रेस के कई नेताओं ने तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तक पर उंगली उठाई और उनके पूरे पर प्रश्नचिह्न खड़ा किया। श्री कश्यप ने ऐसे अनेक मामलों का जिक्र करते हुए बताया कि राजनांदगाँव के कांग्रेस पार्षद राजेश गुप्ता द्वारा प्रदेश महिला कांग्रेस सचिव नलिनी मेश्राम से 2 करोड़ रु. में टिकट की डील कराने का झाँसा देकर 30 लाख रु. वसूलने का मामला सामने आया था। इसी तरह सीपत के बागी कांग्रेस प्रत्याशी अरुण तिवारी ने तो तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश प्रभारी शैलजा पर 4 करोड़ रु. में टिकट बेचने का आरोप मढ़ा, जबकि मनेंद्रगढ़ के विनय जायसवाल ने अपने ही केंद्रीय नेता चंदन यादव पर 7 लाख रुपए लेने का आरोप लगाया। इस मामले में निलंबित जायसवाल की कांग्रेस में वापसी तक हो गई है। रायपुर उत्तर के कांग्रेस के पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा ने बागी कांग्रेस प्रत्याशी अजीत कुकरेजा की कांग्रेस वापसी का यह कहकर विरोध किया है कि वह पैसों के दम पर वापसी करा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के अलावा हरियाणा में पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तँवर ने 5 करोड़ में कांग्रेस टिकट बेचने का आरोप लगाया तो राजस्थान में कांग्रेस सांसद हरीश मीणा ने 8 करोड़ रु. में कांग्रेस टिकट बेटे जाने का खुलासा किया। झारखंड में कांग्रेस नेता उमासंकर अकेला की टिकट 2 करोड़ रु. नहीं देने के कारण काट दिए जाने का मामला सामने आया था। श्री कश्यप ने कहा कि इससे यह बात साफ तौर पर सामने आती है कि कांग्रेस का चाहे केंद्रीय नेतृत्व हो या प्रदेश नेतृत्व, टिकटों को लेकर उसका अपना राजनीतिक चरित्र न केवल छत्तीसगढ़, अपितु देश के अन्य राज्यों में भी दागदार ही है। कांग्रेस का चाहे केंद्रीय नेतृत्व हो या चाहे प्रदेश नेतृत्व, इस तरह के आरोपों से अक्सर घिरता रहा है। पहले तो कांग्रेस में टिकटों के दावेदार नहीं होते, और तब पैसों का लेन-देन करके टिकटों को बेचने का काम किया जाता है। श्री कश्यप ने कहा कि जो व्यक्ति पैसे देकर के कांग्रेस की टिकट लाता है, कल के दिन नगर पंचायत-नगरपालिका अध्यक्ष या नगर निगम का महापौर बनता है, तो यह तय मानिए कि वह जन-धन की बंदरबाँट करेगा, जनहित की योजनाओं के क्रियान्वयन को रोकने का काम करेगा ताकि वह पूरा पैसा उनकी जेब में जाए। इसलिए प्रदेश की जनता-जनार्दन को सावधान रहकर ऐसा अध्यक्ष और महापौर चुनना है, जो जनहित की केंद्रीय व प्रादेशिक योजनाओं का लाभ हर व्यक्ति तक पहुँचाए। श्री कश्यप ने कहा कि कांग्रेस पैसे की भूखी पार्टी है। कांग्रेस के हर एक व्यक्ति की प्राथमिकता पैसा कमाना ही है। पिछले 5 साल के अपने शासनकाल में कांग्रेस सरकार ने केवल और केवल जनता को लूटने का काम किया।

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