कांग्रेस में संगठन सृजन अभियान की प्रक्रिया पीएससी-यूपीएससी से भी अधिक जटिल हो गई : भाजपा

रायपुर। कांग्रेस में संगठन सृजन अभियान के तहत जिला अध्यक्षों का चयन की प्रक्रिया पीएससी-यूपीएससी से भी अधिक जटिल होती नजर आ रही है। लगातार करारी हार से पस्त कांग्रेस ने जैसे-तैसे संगठन सृजन का मन बनाया था, लेकिन इसमें भी पैसों के लेन-देन का आरोप लगाकर कांग्रेस के एक पूर्व विधायक ने इस पूरे अभियान को ही कठघरे में ला पटका है। सन 2023 के विधानसभा चुनाव से लगातार पाँच चुनावों में मिली करारी हार के बाद से ही अंदरूनी गुटबाजी से जूझ रही है। उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने कहीं।
ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस का तो समूचा राजनीतिक इतिहास भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग का प्रामाणिक दस्तावेज है, इसलिए कांग्रेस के पूर्व विधायक रहे बृहस्पत सिंह के सह प्रदेश प्रभारी जरिता लेतफलांग के नाम पर जिला अध्यक्ष बनाने के लिए पैसे मांगे जाने के आरोप पर किसी को कोई हैरत भले नहीं हो रही है, लेकिन इससे कांग्रेस का भ्रष्ट राजनीतिक चरित्र एक बार फिर बेनकाब हुआ है और इससे राहुल गांधी के महात्वाकांक्षी संगठन सृजन अभियान पर ही प्रश्नचिह्न लग गया है। श्री ठाकुर ने कहा कि सत्ता में रहते हुए सरकारी खजाने में डाका डालने में जिस कांग्रेस के सत्ताधीशों को कोई हिचक नहीं हुई, जिस कांग्रेस के संगठन के खजाने तक में कांग्रेस के लोगों ने ही सेंधमारी करने में शर्म महसूस नहीं की, उस कांग्रेस में अब कभी किसी टिकट के लिए तो कभी पद के लिए पैसों की मांग के आरोप अनेक पदाधिकारियों पर लग रहे हैं। श्री ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के लोग अपने ही पूर्व विधायक के आरोपों को कपोल-कल्पित बताकर शुतुरमुर्ग की तरह अंधड़ गुजर जाने का भ्रम पाले रहें, लेकिन सच्चाई तो यही है कि बिना आग के कहीं धुआँ नहीं उठता। कांग्रेस में टिकटों और पदों के लिए सौदेबाजी आम बात हो चुकी है। कांग्रेस में सौदेबाजी के लगते ये आरोप लोकतांत्रिक मूल्यों और विचारधारा के रसातल में जाने के साफ संकेत हैं।










